सीरो सर्वे से पता लगाएगी सरकार,कोरोना की दूसरी लहर में कितने हुए संक्रमित?

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इसी महीने आईसीएमआर राष्ट्रीय स्तर पर सीरो सर्वे करेगा। इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भी ऐसे सीरो सर्वे कराने चाहिए ताकि भौगोलिक क्षेत्रों के हिसाब से भी प्रभावी आंकड़े एकत्र किए जा सकें।

सीरो सर्वेक्षण के दौरान लोगों के रक्त के नमूने लेकर उनमें आईजीजी एंटीबॉडीज की जांच की जाती है। यदि लोगों में ये एंटीबॉडीज पाई जाती हैं तो यह माना जाता है कि उन्हें कोरोना का संक्रमण हो चुका है। संक्रमण के ठीक होने के दो सप्ताह के बाद यह एंटीबॉडीज बनती हैं। इनमें उन लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा जिन्हें टीका लगा हो। टीका लगाने के बाद भी एंटीबॉडीज बनती हैं। आईसीएमआर का पिछला सीरो सर्वे अगस्त-सितंबर में हुआ था, जिसमें पाया गया था कि 21.5 फीसदी लोग कोरोना की पहली लहर से प्रभावित हो चुके हैं। हालांकि दिल्ली, मुंबई में हुए सीरो सर्वे में यह आंकड़े बेहद ऊंचे थे।

मामलों में 78 प्रतिशत की कमी
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सात मई को संक्रमण के चरम पर पहुंचने के बाद से कोविड-19 के दैनिक नए मामलों में 78 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर में भी 30 अप्रैल से 6 मई के उच्चतम स्तर 21.6 प्रतिशत के मुकाबले 74 प्रतिशत की कमी आई है। केंद्र ने रेखांकित किया कि संक्रमण की कड़ी तोड़ने से सुनिश्चित होता है कि स्वास्थ्य अवसंरचना पर कम दबाव पड़े है और बेहतर देखभाल मिले।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना की दूसरी लहर का असर जानने के लिए इसी महीने देशव्यापी सीरो सर्वेक्षण कराएगा। इसके जरिए यह अनुमान लगाया जा सकेगा कि कोरोना की दूसरी लहर ने कितने फीसदी लोगों को संक्रमित किया। पहली लहर में हुए सीरो सर्वे में करीब 21.5 फीसदी लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।

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