साथी अफसरों की पिटाई से भड़के पीसीएस अफसर,

एसीएम व एडीएम की पिटाई और एफआईआर के विरोध में सूबे के सभी पीसीएस अफसर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
 
पीसीएस एसोसिएशन ने शनिवार को आपात बैठक कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी और एसएसपी लखनऊ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए 19 दिसंबर से कार्य बहिष्कार का एलान किया।

संभवत: यह पहली बार है जब पीसीएस अफसर पूरे प्रदेश में एक साथ हड़ताल पर जा रहे हैं। गौरतलब है कि शुक्रवार को वकीलों ने पीसीएस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष व राजधानी में एसीएम तृतीय अरविंद कुमार मिश्र तथा एडीएम सिटी (पश्चिम) जय शंकर दुबे की पिटाई कर दी थी। इसे लेकर पीसीएस एसोसिएशन भड़का हुआ है।

अध्यक्ष उमेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में गोमतीनगर में हुई बैठक में पीसीएस एसोसिएशन ने कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की कड़ी भर्त्सना की। महासचिव पवन गंगवार ने बताया कि सभी सदस्यों ने कहा कि पुलिस का ऐसा रवैया बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

इन अफसरों के सा‌थ हुई बदसलूकी (अनिल कुमार व जयशंकर दुबे)PC: amar ujalaडीएम से मिलने पहुंचे अनिल कुमार व जयशंकर दुबे।
मजिस्ट्रेट ऑन ड्यूटी पर पुलिस कैसे कार्रवाई कर सकती है?
क्या उसने एफआईआर के लिए शासन की अनुमति ली थी?

लगाए ये आरोप
पुलिस ने प्रशासनिक अफसरों का मनोबल गिराने और हतोत्साहित करने के लिए मारपीट करने वाले वकीलों को भगा दिया और उलटे अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।

ये तीन हैं अफसरों की मांगें
1. दोषी वकीलों को निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए।
2. एसएसपी मंजिल सैनी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।
3. कोटे के विवाद में निलंबित बरेली एसडीएम अर्चना द्विवेदी की बहाली हो।

मामले पर यूपी के मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने कहा, घटना संज्ञान में है। लखनऊ के जिलाधिकारी से प्रकरण की जानकारी ली है। उन्हें मामले में न्यायसंगत कार्रवाई के लिए कहा गया है।

पीसीएस अफसरों से मारपीट के आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी न होने से आक्रोशित अफसरों और कर्मचारियों ने काम-काज ठप कर दिया।

अफसर-कर्मचारी कार्यालय में ताला बंद कर दिन भर कलेक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन करते रहे। उन्होंने कहा कि जब तक आरोपी वकीलों का रजिस्ट्रेशन निरस्त नहीं किया जाता आंदोलन जारी रहेगा।

बार एसोसिएशन ने कहा- फंसाया जा रहा
लखनऊ बार एसोसिएशन ने मारपीट के इस मामले में वकीलों को जबरदस्ती फंसाए जाने का आरोप लगाया और आर-पार की लड़ाई का एलान किया।

वकीलों ने अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सिविल, दीवानी व राजस्व कोर्ट में शनिवार को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। वकीलों ने कहा- कलेक्ट्रेट में अफसर कामकाज में अड़ंगा लगाते हैं।

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