समाजवादी पार्टी में मचे घमासान पर एक बार फिर आंशिक रूप से शांत पड़ती नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी के नाम और निशान की लड़ाई अभी भी चुनाव आयोग में लड़ी जा रही है। समाजवादी पार्टी शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है।जिस समय जनता के बीच जाकर अपनी उपलब्धियां गिनाने का समय था।
उसी समय पार्टी में नेतृत्व की लड़ाई और उसके बाद प्रभुता का झगड़ा शुरू हो गया। जिस समय विरोधियों को ताकत दिखाने का समय था उस समय परिवार में ही जोर आज़माइश शुरू हो गयी। चुनाव के नाम पर ही सही समाजवादी पार्टी में शान्ति पड़ती नजर आ रही है। इसी बीच आज सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुलाकात कर सकते हैं।
]समाजवादी पार्टी में अभी तक सुलह की कुल 7 कोशिशें हो चुकी हैं। जिनमें से एक भी कोशिश पूरी तरह से कामयाब नहीं हुई है। साथ ही सुलह का हर मामला मुख्यमंत्री अखिलेश शिवपाल और अमर सिंह पर लटका देते हैं। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अखिलेश कि शर्त में ये प्रमुख है कि, अमर सिंह को पार्टी से बाहर भेजा जाये। इसके साथ ही शिवपाल सिंह को राष्ट्रीय राजनीति में भेजा जाए। वहीँ सपा प्रमुख इन दोनों ही शर्तों के लिए तैयार नहीं हुए हैं।