सर्द हवा के चलने से लोगों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। दिन व रात का शेड्यूल लागू होने से किसानों को अपने जान को जोखिम में डालकर फसलों का सिंचाई करना पड़ रहा है। सुबह शाम गलन के चलते लोगों का बुरा हाल रहा। रोडवेज, रेलवे स्टेशन पर प्रतीक्षारत यात्रियों को एक-एक पल बिताना मुश्किल हो रहा था। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलवाने के मामले में खानापूर्ति कर इतिश्री कर दी जा रही है।
जिले में रबी फसल की सिंचाई तथा गन्ना पेराई कार्य जोरों पर चल रहा है। बिजली विभाग की ओर से दिन व रात के शेड्यूल में विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इधर सर्द हवा चलने तथा गलन बढ़ जाने से सिंचाई करना मुश्किल हो गया है। दिन के समय लगातार विद्युत आपूर्ति न रहने से किसानों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। रात के समय की जा रही विद्युत आपूर्ति किसानों के लिए बेमतलब साबित हो रही है। इस संबंध में किसान प्रेमनारायण सिंह, जयनाथ प्रसाद, शांतानंद, शिवाकांत सिंह का कहना है कि दिन व रात के शेड्यूल में विद्युत आपूर्ति की जा रही है। ठंड बढ़ जाने से रात में सिंचाई करना मुश्किल भरा काम है। दिन में ही पर्याप्त बिजली आपूर्ति किया जाए। गुरुवार को सुबह से ही धूप निकली। लेकिन धूप का ज्यादा असर नहीं दिख रहा था। लोग अपने शरीर को गर्म कपड़ों से ढके नजर आए। सुबह व शाम के समय रिक्शा, ठेला, खोमचा चलाने वाले तथा फुटपाथ पर जिंदगी गुजारने वालों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। देर रात तक चहल पहल रहने वाले बाजारों में शाम होते ही सन्नाटा की स्थिति हो जा रही है। इसके बाद भी सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाने के प्रति प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है।
जिले में रबी फसल की सिंचाई तथा गन्ना पेराई कार्य जोरों पर चल रहा है। बिजली विभाग की ओर से दिन व रात के शेड्यूल में विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इधर सर्द हवा चलने तथा गलन बढ़ जाने से सिंचाई करना मुश्किल हो गया है। दिन के समय लगातार विद्युत आपूर्ति न रहने से किसानों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। रात के समय की जा रही विद्युत आपूर्ति किसानों के लिए बेमतलब साबित हो रही है। इस संबंध में किसान प्रेमनारायण सिंह, जयनाथ प्रसाद, शांतानंद, शिवाकांत सिंह का कहना है कि दिन व रात के शेड्यूल में विद्युत आपूर्ति की जा रही है। ठंड बढ़ जाने से रात में सिंचाई करना मुश्किल भरा काम है। दिन में ही पर्याप्त बिजली आपूर्ति किया जाए। गुरुवार को सुबह से ही धूप निकली। लेकिन धूप का ज्यादा असर नहीं दिख रहा था। लोग अपने शरीर को गर्म कपड़ों से ढके नजर आए। सुबह व शाम के समय रिक्शा, ठेला, खोमचा चलाने वाले तथा फुटपाथ पर जिंदगी गुजारने वालों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। देर रात तक चहल पहल रहने वाले बाजारों में शाम होते ही सन्नाटा की स्थिति हो जा रही है। इसके बाद भी सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाने के प्रति प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है।