उत्तर प्रदेश में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए जद्दोजहद कर रही कांग्रेस पार्टी के वाराणसी के पदाधिकारियों में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सोमवार को महानगर कांग्रेस कमेटी के 14 पदाधिकारियों ने महानगर अध्यक्ष पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भेजा था। 24 घंटे बाद मंगलवार को महानगर सचिव मनीष शर्मा ने अपने इस्तीफे का खंडन करते हुए कहा कि वह कांग्रेस के सिपाही हैं। पार्टी और उसके नेतृत्व में उनकी आस्था है। उनसे और अन्य महानगर सचिवों से पूछे बगैर उनका नाम इस्तीफे वाले पत्र में लिखा गया है।
कार्यालय में अध्यक्ष पर गालीगलौज और दुर्व्यवहार का लगाया आरोप
जिन 14 पदाधिकारियों की ओर से इस्तीफा भेजा गया है उनका आरोप है कि इंग्लिशिया लाइन स्थित पार्टी के कैंप कार्यालय में महानगर अध्यक्ष ने उनके साथ गालीगलौज और दुर्व्यवहार किया। सभी का कहना है कि सोमवार को वह लोग इंग्लिशिया लाइन स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी के समक्ष एकत्र हुए थे। सभी ने यह संकल्प लिया था कि योगी सरकार के निर्देश पर मिर्जापुर में पूर्व एमएलसी राजेशपति त्रिपाठी और पूर्व एमएलए ललितेशपति त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे का हर स्तर पर विरोध करेंगे। संकल्प लेने के बाद जब वह लोग कैंप कार्यालय पहुंचे तो महानगर अध्यक्ष ने उनसे दुर्व्यवहार किया। इससे सभी क्षुब्ध हैं और अपने पद से इस्तीफा देकर सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर काम करना चाहते हैं।
एक साधारण परिवार के लड़के की उपलब्धि पच नहीं रही
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि उन्हें किसी के इस्तीफे की जानकारी नहीं है। कुछ लोगों को एक साधारण घर के लड़के का पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू के आंख का तारा बनना अच्छा नहीं लग रहा है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच बनाने के लिए मेहनत और ईमानदारी के साथ जनता के बीच काम करना पड़ता है। हम लोग संगठन को मजबूती देते हुए दिन-रात जनता के बीच हैं और आगे भी जनता के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे।