पूर्व मंत्री व जदयू विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि सजायाफ्ता लालू प्रसाद द्वारा भाजपा विधायक को फोन कर राज्य सरकार को अस्थिर करने तथा बार-बार जेल मैनुअल के उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हस्तक्षेप करें। जदयू विधायक सिद्धार्थ पटेल व विधान पार्षद खालिद अनवर के साथ साझा बयान जारी कर नीरज ने 24 नवंबर को सुशील मोदी के ट्वीट और 25 नवंबर को वायरल हुए लालू प्रसाद के फोन कॉल का हवाला देते हुए कहा कि लालू प्रसाद आदतन अपराधी हैं।
कई दस्तावेजी सबूत और मीडिया रिपोर्ट के आधार पर नीरज कुमार ने लालू प्रसाद के खिलाफ जेल मैन्युअल के नियम 999, 1001, 615, 625 और 627 के तहत कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि झारखंड की जेएमएम और कांग्रेस सरकार के संरक्षण में चारा घोटाले के सजायाफ्ता कैदी नंबर 3351 लालू प्रसाद जेल की जगह रिम्स निदेशक के बंगले में मौज कर रहे हैं। लालू को पहले जनता दरबार लगाने की छूट मिली, फिर जन्मदिन का जश्न मनाने की और चुनावी बैठकें करने की। जिसके बाद अब एक कैदी का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वो चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश रच रहा है।
जदयू नेताओं ने कहा कि लालू प्रसाद अवैध रूप से लोगों से मिलते हैं। यह बात 31 अगस्त 2020 को झारखंड के कारा महानिरीक्षक वीरेंद्र भूषण द्वारा रांची के उपायुक्त को लिखी चिट्ठी से प्रमाणित हो चुकी है। फिर भी अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। झारखंड के राज्यपाल और सुप्रीम कोर्ट को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। लालू यादव को फौरन बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार (रांची) के सेल में शिफ्ट किया जाए और अगर उनके स्वास्थ्य की निगरानी जरूरी है तो फिर उन्हें तिहाड़ जेल स्थानांतरित किया जाए।