राज्यपाल का सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश, दीक्षांत समारोह में न आने वाले छात्रों की डिग्रियां उनके घर भेजें

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी विश्वविद्यालयों से कहा है कि छात्रों की उपाधियां उनके घरों तक पहुंचाएं। यह जरूरी नहीं है कि छात्र दीक्षांत समारोह में उपस्थित हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल की उपाधियां छात्रों को उनके पते पर पोस्ट किया जाए और उसकी जानकारी राजभवन को दी जाए। 

राज्यपाल मंगलवार को वाराणसी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के  38वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम है कि विश्वविद्यालयों में दस-दस साल से उपाधियां पड़ी हैं। ऐसे में विश्वविद्यालयों को जिम्मेदारी है कि वह छात्रों तक उपाधियां पहुंचाएं। राज्यपाल ने कहा स्वतंत्रता के बाद संस्कृत भाषा को जो महत्व मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। अब यह सुखद है कि नई शिक्षा नीति में संस्कृत पर विशेष ध्यान दिया गया है। तीन संस्कृत विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। प्रदेश सरकार भी संस्कृत के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। 

समारोह के मुख्य अतिथि और मालदीव में भारत के पूर्व राजदूत अखिलेश मिश्र ने कहा कि संस्कृत के छात्रों को अपने अंदर उसी प्रकार गर्व महसूस करना चाहिए जैसे एम्स और एमबीए का छात्र महसूस करता है। संस्कृत से समृद्ध कोई भाषा नहीं है। संस्कृत उदात्त और लोकतांत्रिक मूल्यों से प्रेरित करता है। परस्पर विरोधियों में सामंजस्य स्थापित करने का गुण संस्कृत में है। 

इससे पहले समारोह में हाल में ही पद्मश्री से सम्मानित संस्कृत के उद्भट विद्वान रामयत्न शुक्ल को महामहोपाध्याय की उपाधि से अलंकृत किया गया। इसके अलावा 29 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। साहित्य की मीना कुमारी को सर्वाधिक 10 स्वर्ण पदक मिले। समारोह में विभिन्न पाठ्यक्रमों की 17244 उपाधियां जारी की गई। इसमें स्नातक की 11177 और स्नातकोत्तर की 4647 उपाधियां हैं। आरंभ में अतिथियों का स्वागत कुलपति प्रो.राजाराम शुक्ल ने किया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com