बिजनौर में चुनावी रंजिश को लेकर खूब खून खराबा हो रहा है। चुनाव के दौरान कहीं वोट न देने तो कहीं किसी और बात को लेकर लोग एक दूसरे की जान लेने पर उतारू हैं। चुनाव के बाद रंजिश को लेकर जिले में तीन लोगों की हत्या कर दी गई है। कई लोगों पर जानलेवा हमले कर दिए गए।
पंचायत चुनाव के दौरान एक-दूसरे को चुनाव लड़ाने की दरार खूनी रंजिश में पनप रही है। चुनाव की रंजिश को लेकर लोग एक दूसरे के खून के प्यासे हो बैठे हैं। वोट न देने पर और दूसरे प्रत्याशी का चुनाव लड़ाने पर दुश्मनी में एक दूसरे की जान लेने पर उतारू हो गए हैं।
चुनाव के बाद इस रंजिश को लेकर अपने दुश्मनों पर लोग ताबड़तोड़ हमले बोल रहे हैं। इस रंजिश के तहत एक महिला समेत तीन लोगों की हत्या कर दी गई व कई लोगों को घायल कर दिया गया। चुनाव का गुस्सा लोग भूलने को तैयार नहीं हैं। जिले में पहले ऐसा बहुत कम होता था लेकिन इस बार चुनाव के बाद लोगों की रंजिश खुलकर सामने आ रही है।
चुनावी रंजिश पालने वालों को एक दूसरे पर हमला करने के लिए बस छोटे से बहाने की ही जरूरत होती है। चुनावी रंजिश में ये एक दूसरे का जान और माल का नुकसान कर रहे हैं। एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह के मुताबिक ऐसे मामलों में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
यह हैं मुख्य घटनाएं
- 18 मई को चांदपुर क्षेत्र के गांव बसेड़ा में शिक्षक संजय सिंह को पूर्व प्रधान अजब सिंह ने वोट न देने पर गोली मारकर मौत के घाट उतारा।
- 18 मई को कोतवालीदेहात क्षेत्र के गांव महमूदपुर नारायण में ग्राम प्रधान पति हाजी शराफत व पूर्व प्रधान खुर्शीद के समर्थकों में चले लाठी डंडे। दो घायल।
- छह मई को हल्दौर थाने के गांव कड़ापुर में प्रधान व विरोधी पक्ष में संघर्ष में हारे प्रत्याशी भीष्म सिंह की पत्नी सरिता देवी की हत्या, कई घायल।
- गांव बल्दिया में पांच मई को प्रधान व हारे पक्ष में संघर्ष, पांच घायल।
- चार अप्रैल को स्योहारा थाने के गांव अनीसा नंगली में हार जीत की बहस पर हुए पथराव में घायल हुई रईसा खातून की मौत, कई घायल।