चुनाव ड्यूटी के दौरान कोविड संक्रमण के चलते बाद में भी जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा व नौकरी दिलाने के लिए योगी सरकार ने नियमों में बदलाव की पहल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को निर्देशित किया है कि वे राज्य निर्वाचन आयोग से समन्वय स्थापित कर गाइड लाइन में संशोधन का आग्रह करें।
‘अमर उजाला’ ने 12 मई के अंक में कोविड महामारी से संक्रमित होकर जान गंवाने वाले लोगों की आर्थिक सहायता के लिए विभिन्न नियमावलियों में संशोधन की जरूरत बताई थी। इसमें चुनाव ड्यूटी के दैरान मृत्यु पर मुआवजे की पुरानी गाइडलाइन के आधार पर कोविड से जान गंवाने वाले तमाम कार्मिकों के परिजनों को सहायता न मिल पाने की स्थिति बनने का मामला प्राथमिकता पर उठाया था। कर्मचारी संगठन भी यह मुद्दा उठा रहे थे।
अभी ड्यूटी से घर वापसी की अवधि ही है मुआवजे का आधार
राज्य निर्वाचन आयोग की वर्तमान गाइडलाइन में ड्यूटी पर रवाना होने से घर वापसी के बीच की अवधि में होने वाली घटनाओं पर 15 से 30 लाख रुपये तक आर्थिक सहायता व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का प्रावधान है।
कोविड महामारी में संक्रमण का असर कई दिन बाद तक रहता है। ऐसे में चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमित होकर घर आने के बाद जान गंवाने वाले कार्मिकों के प्रकरण में आर्थिक सहायता व नौकरी देने की कार्यवाही नहीं हो पा रही है। चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से मृत्यु पर 30 लाख रुपये आर्थिक सहायता की व्यवस्था है।
नियमों में बदलाव के बाद चुनाव के दौरान संक्रमित कर्मी की मौजूदा अवधि के बाद में भी मृत्यु पर मुआवजा व नौकरी देने की कार्यवाही की जा सकेगी। इससे अपनों को खोने वाले समस्त कार्मिकों के परिजनों को ये लाभ मिल सकेंगे।
आयोग की सिफारिश के बाद ही मुआवजा
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत कर्मचारियों के आश्रितों को सरकार राज्य निर्वाचन आयोग की सिफारिश के बाद ही मुआवजा देती है। लेकिन, कोरोना जैसी महामारी के दौर में पुरानी गाइड लाइन कर्मचारी हितों के आड़े आ रही है। ऐसे में गाइडलाइन में संशोधन आवश्यक हो गया है। इसके बाद ही आश्रितों को सहायता मिल सकेगी।
शिक्षा मित्र, अनुदेशक, रोजगार सेवक के मृतक आश्रितों को उन्हीं की सेवा शर्तों पर नौकरी
योगी ने कहा कि आयोग की गाइडलान के मुताबिक राज्य सरकार के जिस भी कर्मचारी की चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से मौत हुई है, उनके आश्रितों को तय आर्थिक सहायता दी जाएगी। एक आश्रित को सरकारी सेवा में नौकरी भी देगी। शिक्षा मित्र, अनुदेशक, रोजगार सेवक के मृतक आश्रितों को उन्हीं सेवा शर्तों के आधार पर रोजगार दिया जाएगा।
निश्चित समय सीमा में संक्रमण से मृत्यु पर भी मुआवजा
प्रस्तावित संशोधन में चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को एक निश्चित समय सीमा के अंदर संक्रमण होने पर मृत्यु की स्थिति को भी शामिल करने पर विचार किया जाएगा। प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को सभी आवश्यक सुविधाएं देने को तत्पर है, विशेषकर ऐसे समय में जब उन्होंने चुनाव या कोई अन्य ड्यूटी की है।