प्रदेश के पंचायतीराज विभाग ने अगले साल राज्य में होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के तहत अपना प्रस्तावित कार्यक्रम तैयार कर लिया है। इस प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार विभाग पंचायतों के नए सिरे से आरक्षण की प्रक्रिया आगामी 21 फरवरी को पूरी करेगा।
पंचायतीराज विभाग द्वारा तैयार इस प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार पंचायतों के पुर्नगठन का काम 22 दिसम्बर से 31 दिसम्बर के बीच चलेगा। इसके बाद एक जनवरी से 20 जनवरी तक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। राज्य स्तर पर पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया 21 जनवरी से 30 जनवरी के बीच पूरी की जाएगी और फिर जिला स्तर पर आरक्षण एक फरवरी से 21 फरवरी के बीच पूरा किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के आधार पर पंचायतीराज विभाग ने एक प्रस्तुतीकरण तैयार किया है। यह प्रस्तुतीकरण शुक्रवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष विभागीय अधिकारियों को प्रस्तुत करना था। विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री आवास पर इस प्रस्तुतीकरण को लेकर गये थे। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी भी मौजूद थे। मगर मुख्यमंत्री की अन्य बैठकों में व्यस्तता के चलते यह प्रस्तुतीकरण नहीं हो सका। अब यह प्रस्तुतीकरण मुख्यमंत्री के समक्ष निकट भविष्य में पेश किया जाएगा।
अगर मुख्यमंत्री ने यह प्रस्तावित कार्यक्रम बगैर किसी संशोधन के स्वीकृत कर दिया तो फिर राज्य निर्वाचन आयोग 21 जनवरी से वार्डवार पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर देगा। चूंकि पंचायतीराज विभाग द्वारा जिलेवार आरक्षण का काम फरवरी के अंत तक पूरा होगा। इसलिए प्रदेश में अब पंचायत चुनाव अप्रैल-मई में ही होने के आसार हैं क्योंकि मार्च का महीने वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना होता है। अगर चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गयी और राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू कर दी तो फिर सरकारी विभागों की विकास कार्यों के लिए बाकी बचे बजट की वित्तीय स्वीकृतियां जारी करने में दिक्कत खड़ी हो जाएगी।
22 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक पंचायतों का पुर्नगठन, परिसीमन एक जनवरी से 20 जनवरी तक, राज्य स्तर पर आरक्षण 21 जनवरी से 30 जनवरी, जिला स्तर पर आरक्षण एक फरवरी से 21 फरवरी तक। 21जनवरी से वार्डवार पुनरीक्षण आयोग शुरू कर देगा।