मेरठ से पंजाब तक नशीली दवाओं का कारोबार ऑनलाइन चल रहा था। प्रमुख दवा मार्केट खैरनगर के दवा व्यापारियों को फोन पर ऑर्डर मिलता था। वह कोरियर से दवाइयों के पैकेट भेजते थे और खाते में पैसा आ जाता था। करीब छह बैंक खाते लुधियाना पुलिस ने फ्रीज कराए हैं।
पकड़े गए आरोपी सादिक उर्फ बबलू निवासी भवानीनगर नौचंदी का खैरनगर में मेडिकल स्टोर है। पंजाब से उसको फोन पर ऑर्डर मिलता था। परतापुर के ग्राम काशी में मेडिकल स्टोर संचालक छुट्टन उर्फ सूर्य प्रकाश गोयल और खैरनगर में मेडिकल स्टोर कर्मचारी फरजान इन दवाइयों को अरेंज करते थे। दवाइयां उपलब्ध होने के बाद खैरनगर में फूड सप्लीमेंट का दुकानदार जान सैफी इनके पैकेट बनाकर कोरियर के जरिये पंजाब में भेजता था। एक पैकेट में 30 से 50 हजार तक गोलियां आती हैं। जान सैफी के खाते में 93 लाख रुपये मिले हैं। खाता फ्रीज करा दिया है। जान सैफी के एक दोस्त के खाते में भी लाखों की रकम आई है। वह फरार है, उसकी तलाश जारी है। लुधियाना पुलिस के अनुसार, अब तक करीब छह बैंक खाते फ्रीज कराए जा चुके हैं। अब जो चार आरोपी पकड़े गए हैं, उन सभी के खाते खंगाले जा रहे हैं।
नकली प्रोटीन बेचते-बेचते संपर्क में आए
मेरठ पुलिस की सर्विलांस सेल के प्रभारी मनोज दीक्षित के अनुसार, नशीली दवाइयों के धंधे से जुड़े सभी गिरफ्तार आरोपी नकली प्रोटीन कारोबार से भी जुड़े हुए हैं। मेरठ में नकली प्रोटीन (फूड सप्लीमेंट) बनाकर इसकी सप्लाई पंजाब तक होती है। इसके चलते करीब दो साल पहले मेरठ के कुछ दवा व्यापारी पंजाब वाले लोगों के संपर्क में आए थे। इसके बाद इन्होंने आपस में नशीली प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई का धंधा शुरू कर दिया।