माफिया मुख्तार अंसारी को ले जाने वाली फर्जी पते पर पंजीकृत एम्बुलेंस का पंजीकरण उप सम्भागीय परिवहन अधिकारी द्वारा निरस्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं बाराबंकी में एम्बुलेंस वाहनों को बेचने वाले आटो डीलर का पंजीकरण भी निरस्त कर दिया गया है।
एम्बुलेंस प्रकरण में आधा दर्जन लोग हैं जेल में
मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल से कोर्ट में ले जाने वाली एम्बुलेंस बाराबंकी जनपद में पंजीकृत थी। इसे लेकर जिला प्रशासन द्वारा जांच के बाद फर्जी प्रपत्र के आधार पर पंजीकरण करने को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मामले में वाहन स्वामी मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डॉ. अलका राय समेत आधा दर्जन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी ने पेशी और अस्पताल जाने आने के लिए जाली दस्तावेजों के आधार पर बाराबंकी एआरटीओ में अपने लिए एंबुलेंस पंजीकृत कराई थी। यह एंबुलेंस कोतवाली नगर के पल्हरी में स्थित एमजीएस आटो फेब प्राइवेट लिमिटेड नामक डीलर से नौ दिसंबर 2013 को खरीदी गई थी।
फर्जी पते पर इस एंबुलेंस को 21 दिसंबर 2013 को पंजीकृत कराया गया था। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन पंकज सिंह ने इस एंबुलेंस का पंजीयन भी निरस्त कर दिया है। उल्लेखनीय है कि एम्बुलेंस प्रकरण में पुलिस द्वारा मुख्तार अंसारी को भी नामजद किया गया है। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की वर्चुअल पेशी इस मामले में चल रही है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में कई लोग संलिप्त हैं, जिनके खिलाफ साक्ष्य एकत्र किया जा रहा है।