अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और अमेठी से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत 7 लोगों के खिलाफ शनिवार को लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में गायत्र प्रजापति समेत 7 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
बता दें गत वर्ष ही एक महिला ने गायत्री प्रजापति पर लंबे समय तक यौन शोषण करने का आरोप लगाया था. लेकिन इस मामले में अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी थी. वहीं एफआईआर दर्ज होने के बाद लखनऊ पुलिस कभी भी इन सातों आरोपियों को पूछताछ के लिए बुला सकती है.
जिसके बाद महिला ने महिला सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ रेप के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.
क्या है महिला का आरोप
महिला का आरोप है कि वह प्रजापति से लगभग 3 साल पहले मिली थी. उस समय मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ रेप किया और उसकी तस्वीरें भी ले ली. महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि इसके बाद प्रजापति ने उसको कई बार तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करते हुए रेप किया.
कौन हैं गायत्री प्रजापति?
गायत्री प्रजापति पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं. उन्हें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त भी किया था. लेकिन बाद में दोबारा शामिल कर लिया. इस वक्त वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर अमेठी से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले ही आचार संहिता उल्लंघन का मामला भी देखने को मिला जब कानपुर से अमेठी ले जाई जा रही 4000 साड़ियों की एक खेप को पुलिस ने पकड़ा. बिल पर भी गायत्री प्रजापति का नाम था. इस मामले में केस दर्ज हुआ है.
गायत्री प्रजापति ने कहा भाजपा के इशारे पर मुझे बदनाम करने की साजिश रची गइ है जो जांच बाद सच्चाई सामने आ जाएगी .