नोटबंदी के 41वें दिन भी जिले के एटीएम पहले की तरह बहाल नहीं हो सके हैं। रविवार को जहां बैंकों की बंदी रही वहीं एटीएम के भी शटर गिरे रहे। एटीएम के बंद होने से लोग पैसा निकालने के लिए इस एटीएम से उस एटीएम तक का चक्कर लगाते रहे लेकिन उनके हाथ निराशा ही हाथ लगी।
रविवार को बैंक बंद होने के चलते लोगों की आस एटीएम पर लगी थी लेकिन वह भी अधिकांश बंद रहे। एक हजार और 500 रुपये के नोट बंद होने के पहले दिन से लेकर आज तक लोगों की परेशानी पहले की तरह सामान्य नहीं हो पाई। कोई शादी विवाह के लिए परेशान है तो कोई शादी विवाह में निमंत्रण और उपहार सहित विभिन्न जरुरत के सामान खरीदने के लिए अपने खाते से अपना ही रुपया निकालने के लिए परेशान है। रविवार को कई लोग अधिकांश एटीएम के शटर बंद होने एवं उनमें पैसा न होने के चलते जगह-जगह चक्कर लगाते रहे। हाजीपुर निवासी मुन्नर चौहान ने बताया कि उसके पास चेक बुक नहीं है। वह एटीएम से दो दिन से पैसा निकालने के लिए परेशान है। शनिवार को लंबी लाइन लगाने के बाद भी उसे कैश नहीं मिला। रविवार को नगर के कई एटीएम का चक्कर लगाया लेकिन उसे कैश नहीं मिला। यही हाल सुहैल अहमद का था। उसके घर पर उसकी पत्नी की तबीयत रविवार को खराब हो गई। वह एटीएम पर इधर से उधर भटकता रहा लेकिन कहीं भी उसे एटीएम में पैसा नहीं मिला। अधिकांश एटीएम के शटर गिरे। कुछ खुले भी रहे तो उसमें कैश न होने से वह शो पीस ही बने रहे।