मऊ जिले के युवा वैज्ञानिक और बीएचयू के रिसर्च स्कालर फणीन्द्रपति पाण्डेय की खोज ने पूरी दुनिया में तहलका मचाना शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने शोध से एलसीडी की दुनिया बदल डाली है। उनके प्रयोग से अब सेंसर अद्भुत क्षमता से काम कर सकेंगे। फणींद्र के शोध से प्रधानमंत्री की बुलेट ट्रेन की परियोजना को साकार करने में मददगार होगी।
फणींद्र को झारखण्ड के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) आइ.एस.एम. धनबाद में शोध-पत्र पढ़ने का अवसर मिला। फणीन्द्र पति पाण्डेय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भौतिकी विज्ञान विभाग के रिसर्च स्कालर हैं। ये मऊ जिले के इमिलियाडीह, बढुआगोदाम के निवासी हैं।
झारखंड के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) आईएसएम धनबाद के 23 वें राष्ट्रीय लिक्विड क्रिस्टल के 7 से 9 दिसंबर के बीच आयोजित कांफ्रेंस में अपना शोधपत्र पढ़ा। इस कान्फ्रेंस में दुनिया भर के वैज्ञानिक मौजूद थे। कांफ्रेंस के दौरान अमेरिका में इसी विषय पर काम कर रहे एडगर ई. कोइजमन और एलिजावेथ केमन ने फणीन्द्र के शोध को हाथों हाथ लिया।
उन्होंने इन्हें अमेरिका आने के लिए भी निमंत्रित किया। दरअसल इस शोध के बाद सेंसर व सैटेलाईट में प्रयोग होने वाले डिवाईस को और भी संवेदनशील व सुरक्षित बनाया जा सकता है। अमेरिका व जापान सहित विश्व के कई विकसित देशों के वैज्ञानिकों ने फणीन्द्र की सराहना की। फणीन्द्र वैज्ञानिक डा.पंकज कुमार त्रिपाठी के सानिध्य में काम कर रहे हैं।