झूंसी स्थित पूर्वोत्तर रेलवे की 41 बीघा जमीन नियम विरुद्ध प्रापर्टी डीलर को देने और फिर उसकी प्लाटिंग कर बेचे जाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लाड्रिंग का केस दर्ज किया। यह केस तत्कालीन एसडीएम समेत 13 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है। घोटाले में बेची गई जमीन की कीमत 50 करोड़ रुपये बताई गई थी।
फूलपुर के तत्कालीन एसडीएम राजकुमार द्विवेदी समेत 13 लोग आरोपित बनाए गए
करीब 50 करोड़ रुपये कीमत की जमीन के इस घोटाले में रेलवे और प्रशासन के बड़े अफसरों का भी हाथ सामने आया था। बड़े अफसरों के भी इस मामले में अब फंसने की आशंका है। फलहाल ईडी के रिपोर्ट दर्ज करते ही महकमें में खलबली मच गई है।
2017 में प्रापर्टी डीलर पर दर्ज हुआ था पहला केस
झूंसी थाने में 10 अगस्त 2017 को फूलपुर तहसील के तत्कालीन तहसीलदार देवेंद्र ने प्रापर्टी डीलर कुतुबउद्दीन व उसके भाई सल्लाउद्दीन के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा गया था कि झूंसी के कटका गांव और आसपास स्थित रेलवे व सड़क की भूमि गलत तरीके से नाम करवा दी गई।
क्राइम ब्रांच ने की थी मुकदमे की विवेचना
मुकदमे की विवेचना क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर की गई थी। इसमें एसडीएम, लेखपाल, प्रापर्टी डीलर समेत 13 लोगों का नाम प्रकाश में आया और सभी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट फाइल की गई। ईडी ने पुलिस की एफआइआर और चार्जशीट के आधार पर मनिलॉड्रिंग का केस दर्ज किया है। सभी आरोपितों की अवैध तरीके से जुटाई गई संपत्ति पता लगाने के बाद उसे अटैच करने की कार्रवाई की जाएगी।