पूर्व सांसद धनंजय की तलाश में फिर दबिश देगी पुलिस, जानिए वारंट बी पहुंचने से पहले ही फतेहगढ़ जेल से कैसे हो गई गुपचुप रिहाई

अजीत हत्याकाण्ड में आरोपी बनाये गये पूर्व सांसद धनंजय सिंह जिस मामले में पुरानी जमानत कटा कर प्रयागराज में हाजिर हुए थे, उसी मामले में वह फिर से जमानत पाकर फतेहगढ़ जेल से बुधवार दोपहर रिहा हो गये। वह दोपहर में ही गुपचुप तरीके से अपने समर्थकों के साथ निकल गये। इसकी खबर मिलते ही लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के होश उड़ गये। पुलिस ने बुधवार को ही अजीत हत्याकांड में धनंजय को रिमाण्ड पर लेने के लिये वारन्ट बी फतेहगढ़ जेल भेजा था। अब पुलिस का कहना है कि धनंजय की तलाश में फिर से दबिश दी जायेगी। उनके मामले में वह अभी भी आरोपी है।

धनंजय सिंह पांच मार्च को जौनपुर के खुटहन थाने में दर्ज पुराने मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में जमानत कटाकर हाजिर हुए थे। इसके बाद उन्हें नैनी जेल से फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया था। 25 दिन धनंजय जेल में बंद रहे लेकिन तब तक विभूतिखंड पुलिस ने अजीत हत्याकाण्ड में उनका वारन्ट नहीं लिया। खुटहन मामले में ही तीन दिन पहले धनंजय को फिर जमानत मिल गई थी। धनंजय के वकील आदेश कुमार सिंह का कहना है कि इस मामले में कोर्ट में दो बार अर्जी देकर पुलिस से पूछा गया था कि धनंजय पर अजीत हत्याकाण्ड में क्या आरोप लगाया है। लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं मिला।  

धनंजय की तलाश में फिर दबिश पड़ेगी
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि वारन्ट बी जेल पहुंचने से पहले धनंजय रिहा हो गया। इसकी जानकारी उन्हें मिली है। वह छह जनवरी को हुए अजीत हत्याकाण्ड में नामजद हैं और उनके लिये आरोपी हैं। उसकी तलाश में पुलिस फिर दबिश देगी। धनंजय पर फरारी के दौरान 25 हजार रुपये इनाम घोषित हुआ था। उधर फतेहगढ़ जेल के अधीक्षक प्रमोद शुक्ला ने बताया कि प्रयागराज कोर्ट से धनंजय को जमानत मिलने का आदेश आया था। इस पर ही बुधवार को उन्हें रिहा कर दिया गया।

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