दिल्ली पुलिस ने ड्रग्स स्मगलिंग (Drugs Smuggling) के 36 मामलों में शामिल एक आरोपी को केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ अधिनियम (पीआईटीएनडीपीएस) (PITNDPS Act) के अंतर्गत एक वर्ष के लिए हिरासत में लिया है।
पुलिस अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में इस एक्ट के तहत एहतियातन हिरासत में लिए जाने का यह पहला मामला है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए आरोपी शराफत शेख उर्फ मोहम्मद अयूब को पीआईटीएनडीपीएस एक्ट 1988 के अंतर्गत हिरासत में लिया गया है।
पुलिस उपायुक्त (क्राइम) चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स सेल ने वित्त मंत्रालय के पीआईटीएनडीपीएस डिवीजन को शेख की हिरासत के संबंध में प्रस्ताव भेजा था।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी में शराफत शेख की सक्रिय भागीदारी को ध्यान में रखते हुए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो चीफ की अध्यक्षता में छह सदस्यों वाली एक स्क्रीनिंग कमेटी के सामने प्रस्ताव रखा गया था। कमेटी ने इसे उपयुक्त पाया और सक्षम प्राधिकारी (संयुक्त सचिव, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय) ) ने 2 अप्रैल को PITNDPS एक्ट के तहत अपना हिरासत आदेश जारी किया।
उन्होंने कहा कि हिरासत के आदेश को 1 जून को सुनवाई में केंद्रीय सलाहकार बोर्ड ने मंजूरी दे दी है, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीश शामिल हैं।
शेख को पहली बार 1986 में आईपीसी की धारा 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना) और 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने की सजा) के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि न्यायिक हिरासत के दौरान वह एक दवा विक्रेता के संपर्क में आया और बाद में ड्रग्स की तस्करी शुरू कर दी।
उसने नशीली दवाओं की तस्करी शुरू की और बाद में दिल्ली-एनसीआर में हेरोइन के शीर्ष सप्लायर्स में से एक बन गया। उसने दिल्ली और आस-पास के इलाकों में भारी मात्रा में हेरोइन बेचना शुरू कर दिया। उसे चोरी के गहने भी मिलने लगे। जल्द ही उसका परिवार भी नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल हो गया और उनके खिलाफ ड्रग्स बेचने के कई मामले दर्ज किए गए हैं।
2007 में जब शेख तिहाड़ जेल में बंद था, तो उसने अपने बेटे और भाई को ड्रग डील में मदद के लिए बुलाया। अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने बाद में इस मामले में उसके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
जुलाई 2020 में दो लोगों- नासिर और मोहम्मद रफीक- को क्राइम ब्रांच ने तीन किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से शेख के कहने पर ड्रग्स खरीदी थी, जो तब तिहाड़ जेल में बंद था और पुलिस के अनुसार जेल से अपना ‘ड्रग मॉड्यूल’ चला रहा था।