पूर्वी यूपी में कोरोना वायरस के डेल्टा, डेल्टा प्लस और कप्पा वैरिएंट मिले हैं। इन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों के परिजनों की जांच होगी। अब उनमें कोरोना वायरस की पहचान की जाएगी। जांच में अगर कोई संक्रमित मिलेगा तो उसकी जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी। इसको लेकर कवायद शुरू हो गई है।
कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट के अब तक 17 मरीजों की पहचान हो चुकी है। उनके निकट संबंधियों की पहचान की जा रही है। इस 17 में से मरीजों में से 12 की मौत हो चुकी है। चार इलाज के बाद ठीक हुए। जबकि एक होम आइसोलेशन में ठीक हो गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मरीजों की सूचना संबंधित जिलों के स्वास्थ्य महकमे को भेज दी है। उसमें मरीज का नाम, पता, मोबाइल नंबर और पहचान पत्र की जानकारी शामिल है।
13 मरीजों का पता तलाशने के लिए दी गई सूचना
बीआरडी मेडिकल कालेज प्रशासन ने 13 मरीजों की सूची पांच जिलों के सीएमओ को भेजी है। यह मरीज बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती नहीं हुए थे। सिर्फ उनका सैम्पल जांच के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचा था। इन मरीजों का सीटी वैल्यू 25 से कम था। ऐसे में इनके सैम्पल को जांच जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आईजीआईबी (इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी) में भेजा गया था। इन मरीजों के पते अधूरे हैं। मोबाइल नंबर के बंद आ रहा है। ऐसे में संबंधित जिले के सीएमओ को इनके विषय में सूचना देकर विस्तृत जानकारी तलब की गई है।
बोले प्राचार्य
जिन 13 मरीजों का बीआरडी में इलाज नहीं हुआ है। उनके विषय में संबंधित जिले के सीएमओ को सूचना दे दी गई है। यह जानना जरूरी है कि वह होम आइसोलेशन में ठीक हुए। निजी अस्पताल में इलाज हुआ या सरकारी अस्पताल में। वर्तमान समय में उनकी स्थिति कैसी है। उनमें से कितने जीवित है कितने मृत। जो जीवित है उनमें पोस्ट कोविड असर कितना अधिक है।