लखनऊ । भाजपा अच्छे दिन की बात करती है तो सपा सरकार का काम बोलता है मायावती ने पार्को पर बजट झोक दिया लेकिन जनता जनार्दन को मिला क्या ? जब प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बड़े अस्पताल किंग जार्ज मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में मरीज तड़पता रहा । परिजन डाक्टर और पीआरओ के चक्कर लगाते रहे । मगर डेढ़ घण्टे तक वेंटिलेटर नही मिला और मरीज ने दम तोड़ दिया ।
आज यह सवाल उठाना जायज है क्योंकि जब प्रदेश की तीन मुख्य पार्टी इसी में से किसी की सरकार बनेगी । मगर इन पार्टी के नेता यहां तक की प्रधानमंत्री भी जनता की मूल समस्या दिन प्रतिदिन बेहाल होती जा रही स्वास्थ्य व्यवस्था जैसी मुद्दों पर कोई बोलने को तैयार नही । उलटे कोई किसी को कसाब ,गधा तो दलित विरोधी नेता जैसे जुमलो का प्रयोग हो रहा है । अब ये नेता जनता को शब्दों का अर्थ बताते फिर रहे है । लोग एक्सीडेंट में मर रहे है ट्रैफिक व्यवस्था पर बात नही हो रही , छोटी अस्पताल में डॉक्टर नही बड़े में संसाधन उस मुद्दे को कोई भी अपना मैनुफेस्टो में जगह तक नही दिए । टैक्स के बोझ दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है लेकिन लोग आज भी बड़े अस्पतालों में संसाधन के अभाव में असमय मौत के शिकार हो रहे है । जनता आज जाती-पात धर्म की ताजनीति के दलदल में फसती जा रही है अगर समय रहते खासतौर से यूपी की जनता नही अपने में सुधार लाएगी तो न जाने कितने लोग यहियागंज निवासी रंजीत निगम उम्र 45 वर्ष जिन्हें हेड इंजरी और पैर फैक्चर था को समुचित संसाधन के चलते इलाज नही मिला और मौत अपने आगोश में ले लिया इसी तरह न जाने कितने लोग रोज इलाज के अभाव में मर रहे है । ऐसी घटनाएं किसी के साथ कब हो जाए कोई नही जानता यह दुर्घटना किसी का धर्म मजहब और जाती पूछ कर नही आती । आज चुनाव का वक्त है मगर कोई नेता आपके मूलभूत सवाल पर बोलने के लिए तैयार नही है । सोचिए और निर्णय लीजिए।