कोरोना के खिलाफ जंग में इस समय सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन ही है। स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली ताजा जानकारी के अनुसार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक 38.60 करोड़ (38,60,51,110) से अधिक टीके की खुराक प्रदान की गई है और 11,25,140 खुराक पाइपलाइन में हैं। राज्यों के पास फिलहाल 1.44 करोड़ (1,44,03,485) से अधिक वैक्सीन बाकी हैं और प्रयोग नहीं की गई हैं।
कोरोना से उबरने के बाद डेल्टा का खतरा
इधर खबर है कि कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद टीका नहीं लगवाना बड़ी भूल साबित हो सकता है। ताजा शोध रिपोर्ट में दावा किया गया है कोरोना से उबरने के बाद टीका रहित लोगों के कोरोना के अल्फा वेरिएंट के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने का खतरा चार गुना अधिक रहता है। नेचर जर्नल में प्रकाशित यह रिपोर्ट कोरोना से उबरे उन लोगों के भ्रम को दूर कर देती है, जो यह समझते हैं कि उन्हें टीका नहीं लगवाने के बावजूद अब जल्दी कोरोना संक्रमण नहीं होगा। विशेषज्ञों ने कोरोना से 12 महीने पहले संक्रमित पाए गए लोगों के सीरम के अध्ययन में पाया कि इनमें कोरोना के अल्फा वेरिएंट के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ लड़ने की क्षमता चार गुना कम थी।
शोधकर्ताओं ने पाया की कोविशील्ड और फाइजर जैसे टीके की केवल एक खुराक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 10 फीसदी से ज्यादा प्रभावी नहीं हैं, इसलिए दोनों खुराक लेना जरूरी है। यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने दोनों खुराक ली थी, उनमें से 95 फीसदी लोगों में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ असरदार एंटीबॉडी मिली। ब्रिटेन में किए गए एक अन्य शोध में डेल्टा के खिलाफ फाइजर और बायोएनटेक के टीके की दोनों खुराक 80 फीसदी असरदार पाई गई, जबकि कोविशील्ड की दोनों खुराक का असर भी 60 फीसदी से अधिक था।