कोरोना से जंग: 12 साल से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों के लिए स्पेशल टीकाकरण शिविर लगाएगी सरकार

यूपी सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए योजना तैयार कर ली है। इसके तहत प्रदेश में 12 साल से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के लिए स्पेशल टीकाकरण शिविर लगवाने का फैसला किया गया है साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की प्रक्रिया को भी हरी झंडी दी गई है। प्रदेश सरकार आयुष कवच से बच्चों को जोड़ने के लिए नया फीचर तैयार करने जा रही है। सरकार हर जिले में बच्चों के लिए अलग से वार्ड बना रही है। जिसमें 20 से 25 बेड बच्चों के लिए होंगे।

इसमें जापानी इंसेफलाइटिस से निपटने के लिए तैयार किए गए 38 अस्पतालों को भी शामिल किया जाएगा। बता दें कि पूर्वांचल में जापानी इंसेफेलाइटिस के लिए 38 जिलों में बच्चों के लिए अलग से वार्ड बनाए गए थे। अस्पतालों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों के लिए दवा व बेड हर समय उपलब्ध रहे। सरकार बच्चों के लिए अलग से एंबुलेंस का भी इंतजाम करेगी जिसे रिजर्व किया जाएगा।

इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने लखनऊ पीजीआई के डायरेक्टर की अध्यक्षता में विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी में लखनऊ मेडिकल कॉलेज व लोहिया संस्थान समेत कई विशेषज्ञ डॉक्टरों को रखा गया है।

432 पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) बेड्स तैयार किए
तीसरी लहर से बचाव के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सा संस्थानों और महाविद्यालयों में 432 पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) बेड्स तैयार किए हैं। केजीएमयू में एक पीकू वार्ड भी बनाया गया है। साथ ही राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 120 बेड का पीकू तैयार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मेडिकल कालेजों में 100-100 बेड और जिला अस्पतालों में भी पीकू स्थापित करने के निर्देश दिए थे। सीएम योगी की विशेषज्ञ समिति ने कोविड-19 की संभावित तृतीय लहर और उसकी तैयारी को लेकर कई अहम सुझाव दिए हैं। तृतीय लहर अगस्त से अक्टूबर तक संभावित है और इसमें पीडियाट्रिक्स संक्रमण की अवधि दो माह की आंकलित की गई है।

समिति के अनुसार इसमें एक से 20 आयु वर्ग में संक्रमण की संभावना अधिक है। इसलिए मेडिकल कालेजों द्वारा आवश्यक तैयारी अभी से कर ली जाए और कोविड वार्डों को पीडियाट्रिक पेसेंट्स के उपचार के लिए आवश्यक उपकरण, औषधियों और मानव संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का सुझाव दिया है। 
मेडिकल कालेज गोरखपुर में 54 बेडेड पीआईसीयू की होगी स्थापना
समिति के सुझावों पर शासन स्तर पर निर्णय लिया गया है कि प्रथम चरण में चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी मेडिकल कालेजों, चिकित्सा संस्थानों, विश्वविद्यालयों में पीआईसीयू की स्थापना की जानी है। इसके लिए सभी मेडिकल कालेजों, चिकित्सा संस्थानों, विश्वविद्यालयों में 50 आइसोलेशन बेड और 50 एचडीयू या आईसीयू बेड प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया जाना है।

विशेषज्ञ समिति ने 10 बेडेड पीआईसीयू के लिए मानव संसाधन, उपकरण और औषधियों का विवरण दिया है, उसी के अनुसार आवश्यकतानुसार खरीद करने के निर्देश दिए गए हैं। इस बारे में मेडिकल कालेज गोरखपुर में 54 बेडेड पीआईसीयू की स्थापना की जानी है, जो अच्छे ढंग से संचालित और आवश्यकतानुसार प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल कालेज गोरखपुर से या उनके पीडियाट्रिक विभाग से सम्पर्क किया जा सकता है।

एक्सपर्ट देंगे चिकित्सकों और नर्सेज को प्रशिक्षण
मेडिकल कॉलेजों की तरह जिला स्तर पर भी पीआईसीयू स्थापित किए गए हैं। उनके लिए भी दिशा निर्देश दिए गए हैं। पीडियाट्रिक्स कोविड मरीज के उपचार के लिए मानव संसाधन प्रशिक्षण के लिए माड्यूल तैयार किया गया है। इसमें विशेषज्ञों द्वारा चिकित्सकों और नर्सेज को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही तीमारदारों को ठहरने की व्यवस्था से संबंधित आवश्यक तैयारी प्राथमिकता पर करने के निर्देश दिए गए हैं। 

सभी जिलों में चल रहा तेजी से कार्य
तीसरी लहर को देखते हुए झांसी, अमेठी, मथुरा, मुरादाबाद, अयोध्या, गोरखपुर, मेरठ, चित्रकूट, लखनऊ, आजमगढ़ सहित अन्य जिलों में तेजी से कार्य चल रहा है। प्रतापगढ़, प्रयागराज, जालौन कौशांबी में जल्द पीकू बेड तैयार हो जाएंगे। प्रयागराज में 25, प्रतापगढ़ में 30, जालौन में 10 और कौशांबी में 20 बेड वाले पीकू वार्ड तैयार किए जा रहे हैं।
समिति के सुझावों पर जारी की गई गाइडलाइन: आलोक कुमार
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि विशेषज्ञ सलाहकार समिति के सुझावों को लेकर हाल ही में विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है और उसी के अनुसार मुकम्मल तैयारी की जा रही है। अभी 432 पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) बेड्स तैयार भी कर लिए गए हैं और जरूरी मैन पावर भी बढ़ाए जा रहे हैं।

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