कोरोना के संभावित टीके का चूहे पर परीक्षण पूरा, जानें फिर क्या हुआ?

चूहे पर हुआ परीक्षण हुआ

ये स्टडी ‘ईबायोमेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. चूहे पर जब इस टीके का परीक्षण किया गया तो इसने कोरोना वायरस, सार्स सीओवी-2 के खिलाफ बहुत मात्रा में एंटीबॉडीज विकसित किया.

वाशिंगटन: अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 के लिए संभावित टीके का चूहे पर परीक्षण किया है और वायरस के प्रभाव को बेअसर करने के लिए जितनी मात्रा में यह टीका दिया जाना चाहिए उतनी ही मात्रा में इसने चूहों में कोरोना वायरस के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित की.

अध्ययन में पाया गया कि चूहों में जब टीके पिट्सबर्ग कोरोना वायरस (पिट्टकोवैक) का परीक्षण किया गया इसने कोरोना वायरस, सार्स सीओवी-2 के खिलाफ बहुत मात्रा में एंटीबॉडीज विकसित किया. टीका दिए जाने के दो हफ्तों के भीतर ये एंटीबॉडीज बने.

अमेरिका की पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी की वरिष्ठ सह अनुसंधानकर्ता एंड्रिया गामबोट्टो ने कहा, “हमने सार्स-सीओवी पर 2003 में और 2014 में एमईआरएस-सीओवी पूर्व में परीक्षण किया है. सार्स-सीओवी-2 से करीब से जु़ड़े ये दो विषाणु बताते हैं कि एक खास प्रोटीन जिसे स्पाइक प्रोटीन कहा जाता है वह वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने के लिए जरूरी है.” उन्होंने कहा, “हमें पता है कि इस नए विषाणु से कहां पर लड़ने की जरूरत है.”

वैज्ञानिकों ने कहा कि मौदूजा अध्ययन में वर्णित टीका में ज्यादा प्रमाणिक रुख का पालन किया गया है जिसमें वायरल प्रोटीन के लैब निर्मित टुकड़ों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाने के लिए किया गया है. उनका कहना है कि जैसे फ्लू के लिए अभी टीके दिए जाते हैं, यह टीका भी बिलकुल उसी तरह काम करता है.

इस अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने टीके का प्रभाव बढ़ाने के लिए इसे देने का एक नया तरीका अपनाया है जिसे मोइक्रो नीडल अरे कहा जाता है. उन्होंने बताया कि यह 400 छोटी-छोटी सुइयों का उंगली के पोर के आकार का एक टुकड़ा है जो त्वचा के उस हिस्से में स्पाइक प्रोटीन के टुकड़ों को पहुंचाता है जहां प्रतिरोधक प्रतिक्रिया सबसे मजबूत होती है. यह अध्ययन ‘ईबायोमेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com