ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान छात्र शिक्षकों की नहीं सुन रहे हैं। होमवर्क दिखाने को कहने पर ऑफलाइन हो जाते हैं। एक साल से घर से पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों में बड़े पैमाने पर व्यावहारिक बदलाव देखने को मिल रहा है। छात्र अनुशासन भूलते जा रहे हैं। स्कूलों की ओर से कराई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई की समीक्षा में शिक्षकों के माध्यम से ये शिकायतें सामने आ रही हैं।
शिक्षकों के अनुसार बच्चों के मन से उनका डर खत्म होता जा रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई में अनुशासन का पालन नहीं होता। छात्र पढ़ाई कम, शरारतें ज्यादा करते हैं। ऑनलाइन स्क्रीन पर अक्सर शिक्षक को नहीं मालूम चलता कि कौन छात्र शरारत कर रहा है, जबकि स्कूल में सभी छात्र एक ही शिक्षक की निगरानी में पढ़ते थे।
शिक्षकों ने बताया कि ऑनलाइन क्लास से छात्रों के उठने-बैठने, पढ़ने, जवाब देने का तरीका बदल गया है। इस दौरान बच्चे निजी काम भी निपटाते दिख जाते हैं। छोटे बच्चों के व्यवहार में यह बदलाव आगे उनके लिए घातक हो सकता है।
अनुशासन से निखरता है व्यक्तित्व
ऑनलाइन पढ़ाई में चार से पांच छात्रों में ही पढ़ाई को लेकर गंभीरता दिख रही है। पढ़ाई के साथ छात्रों का अनुशासित होना बहुत जरूरी है। इससे उनका पूरा व्यक्तित्व निखरता है। स्कूल घर-घर तो पहुंच गया है, लेकिन अनुशासन खत्म हो रहा है।