उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एक युवक की मौत के बाद परिजन और ग्रामीण शव रखकर पूरी रात सड़क पर बैठे रहे। उन्होंने भंवरनाथ-तहबरपुर मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया था। गुरुवार की सुबह नौ बजे तक जाम जारी रहा। आक्रोशित लोग डीएम-एसपी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे।
आजमगढ़ जिले के कंधरापुर थाना के किशुनदासपुर गांव की प्रधानी इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई थी। जिस पर गांव निवासी विरेंद्र पासवान की पत्नी ने चुनाव लड़ा, वहीं पूर्व प्रधान पंकज राय ने भी अपना प्रत्याशी उतारा था। जीत विरेंद्र की पत्नी को मिली। इसके बाद से ही पूर्व प्रधान व वर्तमान प्रधान परिवार में चुनावी रंजिश की शुरूआत हो गई।
बीते 29 जून को वर्तमान प्रधान पति का भाई राजेश(26) पुत्र गामा किसी काम से शहर आया हुआ था। वापस लौटते समय चकिया खोजापुर के पास पूर्व प्रधान पंकज राय व समर्थकों ने चार पहिया वाहन से उसकी बाइक में धक्का देकर गिरा दिया और फिर मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप पर हमलावर मौके से राजेश को छोड़ कर फरार हो गए। लोगों की सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे और राजेश को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए। वहां से प्राइवेट अस्पताल भर्ती कराया गया। फिर हालत गंभीर होने पर परिजनों ने उसे वाराणसी ले जाकर भर्ती कराया।
इस बीच प्रधानपति की तहरीर पर सिधारी थाने में पंकज राय समेत छह के खिलाफ नामजद मुकदमा भी दर्ज हुआ। मंगलवार की रात राजेश की वाराणसी में इलाज के दौरान मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद बुधवा की देर शाम शव गांव पहुंचा तो परिजनों में कोहराम मच गया।
परिजनों व ग्रामीणों ने बुधवार की रात आठ बजे मृतक का शव भंवरनाथ-तहबरपुर मार्ग पर रख कर चक्का जाम कर दिया। परिजन डीएम व एसपी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। पूरी रात डीएम-एसपी मौके पर नहीं आए और परिजन व ग्रामीण चक्काजाम कर बैठे रहे।
गुरुवार की सुबह सात बजे से बरसात भी शुरू हो गई। इसके बाद भी परिजन चक्का जाम कर बैठे रहे और डीएम-एसपी को बुलाने की मांग करते रहे। मौके पर कंधरापुर व कप्तानगंज थाने की पुलिस मौजूद थी और समझाने का प्रयास असफल ही साबित हो रहा था।