आगरा में बुधवार की शाम शहीद हो गए दारोगा प्रशांत कुमार का पार्थिव शरीर गुरुवार की दोपहर बुलंदशहर लाया गया। आगरा में दो भाइयों के बीच झगड़ा सुलझाने गए बुलंदशहर के छतारी निवासी दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रशांत पिछले दस साल से आगरा में ही तैनात थे। इससे पहले गमगीन माहौल में आगरा से पार्थिव शरीर को विदा किया गया। दोपहर करीब 12.45 पर पार्थिव शरीर छतारी लाया गया। पार्थिव शरीर पहुंचते ही क्षेत्र में कोहराम मच गया।
यूपी पुलिस बदला लो के लगे नारे
छतारी के मोहल्ला जनकपुरी में शहीद प्रशांत यादव का पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो पत्नी रेनू और बहन अलका बेहोश हो गईं। करीब 17 मिनट रुकने के बाद अंतिम यात्रा निकाली गई। इसमें युवाओं ने प्रशांत यादव अमर रहे, जब तक सूरज चांद प्रशांत तेरा नाम रहेगा जैसे नारे लगाए। घटना को लेकर आक्रोश व्यक्त करते यूपी पुलिस बदला लो के नारे भी लगे। दर्जनों युवा हाथों में तिरंगा लेकर अंतिम यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान हर किसी की आंख नम हो गई।
परिजनों का रो-रोकर हाल बेहाल
शहीद प्रशांत कुमार यादव का शव छतरी में पहुंचते ही कोहराम मच गया। पत्नी और बहन का रो-रोकर हाल बेहाल है। मौके पर लोगों की भारी भीड़ भी जुटी हुई है। कई शहरों लोग इनके घर पर पहुंचे हुए हैं।
आगरा में अफसरों ने दी श्रद्धांजलि
इससे पहले शहीद दारोगा प्रशांत कुमार यादव के पार्थिव शरीर को आगरा पुलिस लाइन में एडीजी, आइजी प एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों ने सलामी दी। प्रशांत कुमार का पार्थिव शरीर पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे पुलिस लाइन पहुंचा। एडीजी राजीव कृष्ण, आइजी रेंज ए.सतीश गणेश, एसएसपी बबलू कुमार, डीएम प्रभु एन सिंह, एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद, एसपी ग्रामीण सत्यजीत गुप्ता समेत अन्य अधिकारियों ने दारोगा प्रशांत कुमार को सलामी दी। राज्यमंत्री डा. जीएस धर्मेश और विधायक रामप्रताप सिंह चौहान ने श्रृद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद स्वजन प्रशांत के पार्थिव शरीर को लेकर बुलंदशहर के पैतृक गांव छतारी लेकर रवाना हो गए।
कई घंटे चले प्रयास के बाद पंचनामा भरने को राजी हुए स्वजन
दारोगा प्रशांत कुमार के स्वजन रात में ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खंदौली पर पहुंच गए थे। दारोगा का पार्थिव शरीर यहीं पर रखा गया था। स्वजन दारोगा के शव का पंचनामा भरने को राजी नहीं थे। उनका कहना था कि दारोगा को विवाद की सूचना पर फोर्स के साथ क्यों नहीं भेजा गया। अकेले ही एक पुलिसकर्मी के साथ भेज दिया गया। स्वजन का कहना था कि वह हत्यारोपी की गिरफ्तारी के बाद ही शव का पंचनामा भरेंगे। अधिकारियों और पुलिसकर्मियों द्वारा कई घंटे प्रयास के बाद स्वजन को मनाया जा सका। इसके बाद गुरुवार तड़के साढ़े तीन बजे पंचनामा भरकर शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
क्या था मामला
आगरा में खंदौली पुलिस को बुधवार को गांव नहर्रा में विश्वनाथ की अपने भाई शिवनाथ से आलू बंटवारे को लेकर विवाद की सूचना मिली थी। विश्वनाथ अपने पास रहने वाली मां का अलग हिस्सा मांग रहा था। दिन में पुलिस टीम ने जाकर दोनों को समझा दिया था। शाम को शिवनाथ ने थाने में फोन कर बताया कि छोटा भाई लोगों को तमंचा लेकर धमका रहा है। दारोगा प्रशांत व सिपाही चंद्रसेन शाम सात बजे के आसपास गांव पहुंचे। विश्वनाथ के खेत पर होने की जानकारी होने पर दोनों खेत पर चले गए। दोनों पुलिसकर्मी बिना हथियार के ही मौके पर चले गए। खेत पर विश्वनाथ ने दारोगा पर फायर कर दिया। गले में गोली लगने से दारोगा प्रशांत गिर पड़े। दारोगा को सीएचसी लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।