नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने पर बैंकों में शुक्रवार को कुछ राहत दिखी। बैंकों में लगने वाली लाइने तो थी लेकिन नोट जमा करने वालों की कम निकालने वालों की अधिक रही। पहले की अपेक्षा भीड़ में भी काफी कमी देखी गई। इससे लोगों ने कुछ राहत की सांस ली लेकिन अभी भी जिले के सभी बैंकों, डाकघरों आदि में कैश की किल्लत बरकरार है। इससे बैंक एवं डाकघर पहले की तरह सामान्य स्थिति में नहीं पहुंच सके हैं। दूसरी तरफ एटीएम भी पूरी तरह चालू नहीं हो पाए हैं। कुछ ही एटीएम पूर्व की तरह खुले रह रहे हैं और उनसे कैश मिल पा रहा है। जिले के बैंकों में अब तक 1100 करोड़ पुराने नोट जमा हो गए।
जिले में नोटबंदी के बाद से ही कैश को लेकर लोगों में हाहाकार मचा रहा। लगातार बैंकों में कैश की किल्लत से यहां के लोगों को जलालत झेलनी पड़ी। आए दिन लोग जिले में चक्का जाम करते नजर आए। शुक्रवार को नोटबंदी का आखिरी दिन होने के चलते वह बैंकों में अपने बचे पुराने नोट जमा करने एवं कैश निकालने के लिए लाइन में लग गए। नगर के भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक, ग्रामीण बैंक, बैंक आफ बड़ौदा सहित ग्रामीण अंचलों में भी पुराने नोट जमा करने वाले नाममात्र के लोग ही लाइन में खड़े दिखे।
अधिकांश लोग कैश निकालने के लिए दिखे। एटीएम पर कैैश के लिए भीड़ दिखी। हालां कि अभी भी एटीएम में कैश का अभाव है। अधिकांश एटीएम खुल नहीं रहे हैं। आठ नवंबर से लेकर 30 दिसंबर तक पुराने एक हजार एवं 500 के नोटों के जमा करने की अंतिम तिथि तक सभी बैंकों में अभी तक लगभग 1100 करोड़ जमा हो गए हैं। लीड बैंक प्रबंधक बीडी महतो का कहना है कि शुक्रवार को आखिरी दिन पुराने नोट जमा करने वालों की नाममात्र की भीड़ रही। बैंकों की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और भीड़ कम होने लगी है। मुहम्मदाबाद गोहना संवाददाता के अनुसार नगर के अधिकांश बैंकों में नोट जमा करने वाले लोगों की संख्या इक्का दुक्का दिखी। कैश के लिए लोगों की लाइन दिखी लेकिन उन्हें 24 हजार की दर से कैश मिलता गया।