अब खुली रहेंगी स्कूली किताबों और बिजली के पंखों की दुकानें, गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन से दी छू

सांकेतिक फोटो

लखनऊ डिजिटल टीम: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में अपना कहर बरपा कर रखा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। इस खतरनाक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में तीन मई तक लॉकडाउन है। यह देश में लॉकडाउन का दूसरा चरण है। ऐसे में सरकार जरूरत के आधार पर विभिन्न सेवाओं को लॉकडाउन से छूट दी जा रही है। इसी कड़ी में स्कूली किताबों और बिजली के पंखों की दुकानों को छूट देना का फैसला किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि स्कूली किताबों और बिजली के पंखों की दुकानों को भी लॉकडाउन के दौरान खुले रहने की अनुमति होगी।

लॉकडाउन में और किसे मिली छूट

गृह मंत्रालय ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल करने वाले सहायकों के अलावा प्रीपेड मोबाइल रिचार्ज करने वालों को लॉकडाउन के दौरान अपनी सेवाएं मुहैया कराने की अनुमति होगी। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में स्थित ब्रेड कारखानों के साथ ही आटा मिलें भी लॉकडाउन के दौरान काम शुरू कर सकती हैं। गृह मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि अब तक जारी दिशानिर्देशों के जरिए विशिष्ट सेवाओं और गतिविधियों की छूट के संबंध में स्थिति स्पष्ट किए जाने की मांग के बाद यह निर्णय लिया गया है।

सोशल डिस्टेंसिंग का करना होगा पालन

मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की उनके घरों में देखभाल करने वाले सहायकों और प्रीपेड मोबाइल कनेक्शन के लिए रिचार्ज सुविधाओं सहित सार्वजनिक उपयोगिताओं वाली सेवाओं के लिए अनुमति दी जाएगी। इसमें कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में स्थित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लॉकडाउन के दौरान काम करने की अनुमति दी जाएगी। इनमें ब्रेड कारखाने, दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र, आटा मिलें, दाल मिलें आदि शामिल हैं। हालांकि, मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कार्यालयों, कार्यशालाओं, कारखानों और प्रतिष्ठानों में सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

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