US में मास्क पहनना फिर हुआ जरूरी, संसद में बवाल, नेता क्यों ले रहे भारत का नाम

अमेरिका में हाई रिस्क वाले इलाकों में टीकाकरण करा चुके लोगों को फिर से मास्क पहनने का आदेश दिया गया है। कहा जा रहा है कि यह आदेश भारत में किए गए एक अध्ययन के आंकड़ों के आधार पर दिया गया है। इसे लेकर अमेरिका में विपक्षी पार्टी के शीर्ष नेता ने सवाल खड़े किए हैं और सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी और रोग रोकथाम एवं नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) की निंदा की है।

प्रतिनिधि सभा में अल्पमत के नेता केविन मैकार्थी ने मास्क लगाने संबंधी शासनादेश फिर से लागू करने का प्रस्ताव रखने वाले विधेयक के विरोध में सदन में कहा कि सीडीसी की ताजा सिफारिशें ऐसी रिपोर्ट पर आधारित हैं, जो अभी तैयार ही नहीं हुई है। हालांकि रिपब्लिनक नेता ने यह नहीं बताया कि वह किस रिपोर्ट की बात कर रहे हैं।

उन्होंने प्रतिनिधि सभा के एक चिकित्सक के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि रिपोर्ट भारत में लगाए जा रहे उस टीके पर आधारित है जो अमेरिका में स्वीकृत नहीं है। प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने विपक्ष के नेता की आलोचना की और उन्हें मूर्ख बताया।

मैकार्थी ने कहा, ‘मास्क संबंधी शासनादेश भारत में एक अध्ययन पर आधारित है, यह एक ऐसे टीके पर आधारित है जिसे अमेरिका में स्वीकार नहीं किया गया है। इस अध्ययन को पीयर रिव्यू में खारिज कर दिया गया था। क्या यह हमारे स्कूलों को बंद रखने का आधार हो सकता है?’एक अन्य रिपब्लिकन सांसद डेन क्रेनशॉ ने मैकार्थी के समर्थन में ट्वीट किया, ‘यह सच्चाई है कि सीडीसी ने मास्क संबंधी शासनादेश के लिए जिस ‘अमेरिका: “गेम चेंजर” डेटा का उपयोग किया है, वह केवल भारत के अध्ययन पर आधारित है। पीयर रिव्यू में इस अध्ययन को खारिज कर दिया गया था। सीडीसी ने इसके बावजूद इसका इस्तेमाल किया। याद है, मैंने सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा हमारा विश्वास खोने के बारे में क्या कहा था? स्थिति और खराब हो गई है।’

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