Sachin Waze Case: मुंबई में मुकेश अंबानी के निवास के बाहर मिले विस्फोटक मामले में जांच जारी है। अब पूरा मामला वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सचिन वजे पर केंद्रीत हो गया है। ताजा खबर यह है कि सचिन वजे 25 मार्च तक एनआईए की हिरासत में रहेंगे। इसके बाद मुंबई पुलिस ने क्राइम ब्रांच के अपने इस सुपरकॉप को सस्पेंड कर किया है। यह दूसरी बार है जब सचिन वजे को सस्पेंड किया गया है। इससे पहले 2004 में हिरासत में मौक के बाद उन पर यह कार्रवाई हुई थी। पिछले साल कोरोना में वे बहाल हुए थे और अब फिर सस्पेंड हो गए। 2004 में सस्पेंड होने के बाद वे शिवसेना में रहे थे। बता दें. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मामले की जांच अपने हाथ में ली तो Sachin Waze की पोल खुलती गई। मनसुख की मौत के तार सीधे तौर पर Sachin Waze से जुड़े तो एनआईए ने उन्हें शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। ताजा खबर यह है कि Sachin Waze की गिरफ्तारी को हाई कोर्ट में चुनौती गई है, जहां आज सुनवाई हो सकती है। इस बीच, शिवसेना पूरी तरह से Sachin Waze के साथ खड़ी है। सोमवार को पार्टी मुखपत्र सामना में लिखा गया कि Sachin Waze के खिलाफ गलत हो रहा है। पूरे मामले में भाजपा और शिवसेना तो आमने-सामने है ही, अब एनसीपी भी अपना रुख साफ करने जा रही है। महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्रालय एनसीपी के पास है। आज पार्टी प्रमुख शरद पवार अहम बैठक लेंगे और मामले पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ेंगे।
अब तक की कहानी
बता दें, देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास 25 फरवरी को विस्फोटक और धमकी भरे पत्र के साथ स्कॉर्पियो मिली थी। स्कॉर्पियो में जिलेटिन की छड़े थीं। जांच में पता चला कि स्कॉर्पियो मनसुख हरेन नामक व्यापारी की है, जिनका मुंबई में ही ऑटो पार्ट्स का बिजनेस है। यह गाड़ी कुछ दिन पहले चोरी हुई। मामला Sachin Waze की अगुवाई वाली टीम को सौंपा गया। एक दिन खबर आई कि मनसुख की मौत हो चुकी है। उनका शव तालाब में मिला। यहां मौके पर सबसे पहले Sachin Waze पहुंचे थे। इससे शक उठा। धीरे-धीरे परतें खुलीं तो Sachin Waze पर शिकंजा कसता गया। मनसुख की पत्नी ने Sachin Waze पर आरोप लगाया था।