Gwalior Coronavirus Update: बच्‍चे व किशोर भी रहें सावधान, अभी तक 18 साल से कम के 535 हुए हैं कोरोना संक्रमित

Gwalior Coronavirus Update। इस वक्त कोरोना का खतरा युवा और बच्चों पर ज्यादा मंडरा रहा है। वायरस इन्हें अपनी चपेट में लेकर सीधा लंग्स में उतर रहा है, इसलिए अब बुजुर्गों के साथ युवा व बच्चों को अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता है। पिछले 17 दिन में 18 से 40 साल के बीच की उम्र के 4448 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके, जबकि 18 से कम उम्र के 535 बच्चों को कोरोना गिरफ्त में ले चुका है। यह आंकड़े डरावने हैं, क्योंकि इससे पहले वर्ष 2020 में कोरेाना वृद्धजनों को ही अधिक प्रभावित कर रहा था। इस बार यह युवा और बच्चों पर भी तेजी से हमला कर रहा है। आज कई युवा अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। इनमें कुछ तो जिंदगी की जंग भी हार चुके हैं।

17 दिन में सर्वाधिक संक्रमित: अप्रैल माह के बीते 17 दिन में कोरोना की रफ्तार तेज हुई है। जांच कराने वाला हर चौथा व्यक्ति संक्रमित निकल रहा है। इस दौरान 7272 लोग संक्रमण की चपेट में आए। इनमें सबसे अधिक संख्या 4448 युवाओं की है, जिनकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच है, जबकि 535 बच्चे हैं। पिछले साल सिर्फ आधा सैकड़ा बच्चे ही संक्रमण की चपेट में आए थे।

लंग्स प्रभावित कर रहा कोरेाना : जीआर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिनि विभाग के डा. विजय गर्ग का कहना है कि अस्पताल में भर्ती 260 मरीजों में से 45 से कम उम्र के 90 मरीज हैं। इस बार बच्चों में भी कोरोना का प्रभाव तेजी से देखा जा रहा है। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आती है, पर सीटी स्कैन में लंग्स संक्रमण काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है।

अस्पताल में लड़ रहे कोरोना से जंग

निजी व सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों में 61 फीसद मरीज 20 से 45 वर्ष के बीच के हैं, जबकि 32.5 फीसद लोग 40 साल से अधिक उम्र के। 7.5 फीसद बच्चे संक्रमण की चपेट में आए हैं। युवाओं में लंग्स संक्रमण का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। निजी अस्पताल में भर्ती 28 वर्षीय युवक के लंग्स 90 फीसद संक्रमित बताए गए। इसी तरह से 27 वर्षीय युवती के लंग्स में 60 फीसद संक्रमण बताया गया।

इंजेक्शन के लिए स्वजन परेशान

लंग्स संक्रमण को रोकने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन कारगार साबित हो रहा है, लेकिन बाजार में इसकी किल्लत है। डाक्टर भी इस इंजेक्शन को पर्चे पर लिख कर दे रहे हैं। इधर मरीज के स्वजन इसे लेने सुबह से शाम तक मेडिकल दुकानों पर भटक रहे हैं। इंजेक्शन के लिए लोग अफसर-मंत्री तक की सिफारिश लगवा रहे हैं। इसके बाद भी इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

इस बार कोरोना वायरस में कुछ नया स्ट्रेन है, जो बुजुर्गों सहित युवाओं और बच्चों को भी चपेट में ले रहा है। युवा अनावश्यक घर से न निकलें और बच्चों का विशेष ख्याल रखें। कर्फ्यू और कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करें तभी कोरोना की चेन को तोड़ा जा सकता है। 

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