बिहार में लाइब्रेरियन (पुस्तकालयाध्यक्ष) के खाली 893 पदों पर जल्द बहाली की जाएगी। शिक्षा विभाग इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई करेगा। पुस्तकालयाध्यक्ष पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थी ही इस पद के योग्य होंगे। उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्षों के 2789 पद स्वीकृत हैं। इसके विरुद्ध 893 पद रिक्त हैं। लाइब्रेरियन पद का सृजन साल 2007 में हुआ। इस पद पर नियोजन की कार्रवाई 2008 से शुरू होकर 2019 तक चली। विलंब का मुख्य कारण अभ्यर्थियों की ओर से कोर्ट में वाद दायर करना था। साल 2020 में नई नियमावली गठित हुई है। इसके आलोक में लाइब्रेरियन के पद पर तभी नियुक्ति हो सकती है जब वे इसके लिए पात्रता परीक्षा को उत्तीर्ण कर लें। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शनिवार को संजीव श्याम सिंह के तारांकित प्रश्न के जवाब में कहा कि 500 से अधिक पुस्तक होने पर ही लाइब्रेरियन का पद सृजित होता है। सरकार इसकी गणना कर स्कूलों में लाइब्रेरियन की बहाली करेगी।
तीन महीने का विशेष कैचअप कोर्स
रामचंद्र पूर्वे के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में मंत्री ने माना कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता पर नीति आयोग, विश्व बैंक और मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से रैंकिंग में बिहार का स्थान 17वां हैं। रैकिंग में सुधार के लिए हर तरह के उपाय हो रहे हैं। विद्यावाहिनी एप पर वर्ग एक से 12वीं तक के छात्रों के लिए ई-कंटेंट उपलब्ध है। अकादमिक वर्ष 2021-22 में तीन महीने का विशेष कैचअप कोर्स चलाने की तैयारी है।
18 अनुमंडल में खुलेंगे डिग्री कॉलेज
सुबोध कुमार के तारांकित प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि फिलहाल वैसे अनुमंडल में डिग्री कॉलेज खोलना सरकार की प्राथमिकता सूची में है जहां एक भी कॉलेज नहीं हैं। ऐसे राज्य के 18 अनुमंडल हैं। जहां तक प्रखंडों में डिग्री कॉलेज खोलने का सवाल है, इसे आगे प्राथमकिता सूची में रखा जाएगा।
नियमित नियुक्ति होते ही अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त
संजय कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों के पद पर बहाल शिक्षकों को स्थायी या 65 वर्ष तक करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। सेवा शर्त के मुताबिक जैसे ही नियमित नियुक्ति होगी, इनकी सेवा समाप्त हो जाएगी। संजीव कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि 15 फरवरी 2011 के बाद से बहाल मदरसा व संस्कृति शिक्षकों को सामूहिक ईपीएफ का लाभ दिया जा रहा है। अगर इसके पहले और बाद वाले को मिल रहा है और बीच की अवधि में बहाल कुछ शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है तो सरकार इसकी जांच कराएगी। संजीव कुमार सिंह के सवाल के जवाब में ही मंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की सेवा निरंतरता व अर्जित अवकाश नियुक्ति की तिथि से नहीं देगी। नियमावली लागू होने के बाद ही शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा।
बिहार विद्यापीठ में व्यवसायिक गतिविधियों का मामला उठा
सदन में बिहार विद्यापीठ में व्यवसायिक गतिविधियों के होने का मामला प्रेमचंद मिश्रा ने उठाया। कला संस्कृति मंत्री आलोक रंजन के जवाब से प्रश्नकर्ता के नाराज होने पर कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सरकार को अगले सप्ताह इस पर जवाब देने को कहा। नीरज कुमार के ध्यानाकर्षण के जवाब में मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार खेल नीति लाने जा रही है। युवाओं के लिए कई और विभाग काम कर रहे हैं।