बिहार में जूनियर (पीजी) डॉक्टरों के मानदेय में 36 से 41 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी गयी है। राज्य सरकार ने इनके मानदेय में 18 हजार से 23 हजार रुपये का इजाफा किया है। बढ़ोतरी एक जनवरी 2020 की तिथि से ही की गयी है। स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर ने इस संबंध में विभागीय संकल्प जारी कर दिया है।
हाल ही जूनियर डॉक्टरों ने मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर नौ दिनों तक सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कार्य बहिष्कार व हड़ताल की थी। 31 दिसंबर 2020 को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय व विभागीय अधिकारियों के साथ वार्ता के दौरान मिले आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की गयी थी। सोमवार को विभाग द्वारा जारी संकल्प के अनुसार अब पीजी प्रथम वर्ष के छात्रों को 68,545 रुपये, दूसरे वर्ष के छात्रों को 75,399 रुपये और तीसरे वर्ष के छात्रों को 82,938 रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाएगा।
इस प्रकार पहले वर्ष के मानदेय में 36 फीसदी, दूसरे वर्ष के मानदेय में 41 फीसदी और तीसरे वर्ष के मानदेय में 38 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है। वर्तमान में जूनियर डॉक्टरों को पहले वर्ष में 50 हजार रुपये, दूसरे वर्ष में 55 हजार रुपये और तीसरे वर्ष में 60 हजार रुपये मानदेय प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा था। विभागीय संकल्प के अनुसार तीन साल पर इनके मानदेय में वृद्धि की जानी है। आदेश में कहा गया है कि कर्तव्य से अनधिकृत रूप से अनुपस्थिति के मामले में प्रतिमाह छात्रवृत्ति की राशि में आनुपातिक कटौती करके ही राशि का भुगतान किया जाएगा। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन, पीएमसीएच के अध्यक्ष डॉ. हरेन्द्र ने इजाफे के लिए राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के प्रति आभार जताया है।