Buddha Purnima 2021: बुद्ध पूर्णिमा पर वेसाक वैश्विक समारोह में PM मोदी का संबोधन, ये है प्रमुख बातें

नई दिल्ली। Buddha Purnima 2021। आज पूरे देश में पूरे उत्साह के साथ कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए बु्द्ध पूर्णिमा मनाई जा रही है। बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक वर्चुअल वैश्विक समारोह को भी संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में महात्मा बुद्ध के संदेश हमें राह दिखा सकते हैं। मानव सेवा और प्रेम भगवान बुद्ध का प्रमुख संदेश था। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस संकटग्रस्त समय में हम सब मिलकर इस मुसीबत से लड़ रहे हैं। गौरतलब है कि इस वर्चुअल समारोह का आयोजन संस्कृति मंत्रालय की ओर से किया जा रहा है। हर वर्ष बुद्ध पूर्णिमा पर कई कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित किए जाते हैं लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार यह आयोजन वर्चुअली आयोजित किया जा रहा है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब पहले की तुलना में हमें महामारी को लेकर बेहतर समझ है, जो हमारी रणनीति को मजबूत करती है। हमारे पास वैक्सीन है, जो जान बचाने और महामारी को हराने के लिए महत्वपूर्ण है। भारत को हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व है जिन्होंने COVID19 वैक्सीन पर काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स,डॉक्टरों,नर्सों को एक बार फिर सलाम करता हूं जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं और जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। उनके परिजनों के प्रति शोक व्यक्त करता हूं।

दुनियाभर के बौद्ध संघ के प्रमुख होंगे शामिल

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार यह आयोजन भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) मिलकर आयोजित करता है। इसमें दुनियाभर के बौद्ध संघों के 50 प्रमुख लोग हिस्सा लेंगे और संबोधित भी करेंगे।

उपराष्ट्रपति ने भी बौद्ध पूर्णिमा पर दी बधाई

बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इस अवसर पर लोगों को भगवान बुद्ध की ओर से दिखाए गए करुणा और सहिष्णुता के मार्ग का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध इस धरती के महानतम आध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे। भगवान बुद्ध की ओर से दिया गया शांति, भाईचारे और करुणा का शाश्वत संदेश विश्व के मनुष्यों को नैतिक मूल्‍यों और संतोष पर आधारित जीवन जीने की दिशा में प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में त्योहार, परिजनों और मित्रों के साथ परस्पर मिलने और उत्सव मनाने का एक महान अवसर होता है, लेकिन कोरोना वैश्विक महामारी की स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए मैं अपने नागरिकों से आग्रह करता हूं कि इस त्‍योहार को वे अपने घरों के भीतर और कोविड-संबंधी स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मनाएं।

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