बिहार में पैक्सों को चुनाव के लिए हर बूथ पर पांच हजार रुपये निर्वाचन शुल्क देना होगा। सक्षम पैक्स तो भुगतान करेंगे लेकिन पैसा देने में अक्षम पैक्सों से नामांकन शुल्क के रूप में मिलने वाली राशि से इसकी कटौती की जाएगी। जिन 1511 पैक्सों का चुनाव होना है, उनमें लगभग 400 ऐसे पैक्स हैं जिनके पास निर्वाचन शुल्क देने की राशि नहीं है।
राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने साफ कर दिया है कि उम्मीदवारों को नामांकन शुल्क नाजिर रसीद के माध्यम से प्रखंड कार्यालय में ही जमा करना होगा। अगर कोई उम्मीदवार समिति के खाते में पैसा जमा करेगा तो उसकी उम्मीदवारी मान्य नहीं होगी। प्राधिकार ने पैक्सों को राहत भी दी है। कोराना के कारण अलग से बनाये जाने वाले बूथों का खर्चा पैक्सों को नहीं देना होगा। इसकी राशि प्राधिकार खुद खर्च करेगा।
प्राधिकार ने चुनाव में कोरोना को देखते हुए बूथों को विखंडित करने का आदेश दिया था। विखंडन का काम पूरा कर लिया गया है। पहले एक बूथ पर 700 वोटर होते थे। अब हर बूथ पर वोटरों की संख्या 450 कर दी गई है। लिहाजा, बूथों की संख्या ड्योढ़ा से अधिक हो गई है। लेकिन, पैक्सों को सिर्फ पुराने बूथों के हिसाब से ही पैसा जमा करना है।
राज्य के 1511 पैक्सों के चुनाव की प्रक्रिया प्राधिकार ने शुरू कर दी है। जिन पैक्सों में चुनाव होना है, उनमें सबसे अधिक पैक्स दरभंगा जिले के हैं। वहां 128 पैक्स हैं, जिनका चुनाव होना है। इसके अलावा बेगूसराय में 95, मधुबनी में 78 और पटना में 66 पैक्सों में चुनाव होना है। भीड़ से बचाने के लिए बूथों के विखंडन के साथ प्रधिकार ने वोटिंग का समय भी बढ़ा दिया है। सुबह 6.30 से शाम 4.30 बजे तक वोटिंग होगी। मतगणना की प्रक्रिया वोटिंग के तुरंत बाद शुरू हो जाएगी।
पैक्सों का चुनाव एक नजर में
– 1511 पैक्सों का होना है चुनाव
– 400 पैक्स हैं शुल्क जमा करने में असमर्थ
– 450 वोटर होंगे एक बूथ पर