Bhopal News: बेटे ने पिता से की गुजारिश, केस वापस लेने मां को मना लो, तनाव में गुजर रही जिंदगी

भोपाल:24 वर्षीय बेटे ने काउंसिलिंग के दौरान पिता से गुहार लगाई कि मां को मना लीजिए, ताकि मां आपके खिलाफ सभी केस वापस ले ले। बेटे ने मां को भी समझाया कि अब पापा आपका पूरा खयाल रखते हैं। आप दोनों के बीच बाकी सभी विवाद खत्म हो गए हैं। बस यह कोर्ट केस झगड़े की वजह बना हुआ है। इस कारण हम दोनों भाई-बहन अपने भविष्य पर भी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। कुटुंब न्यायालय में एक बेटा मां की जिद से परेशान होकर काउंसलर से भी माता-पिता को समझाने की गुजारिश की। दरअसल, युवक की मां ने पांच साल पहले पति पर भरण-पोषण और घरेलू हिंसा का केस लगाया था, जो परिस्थितियां ठीक होने के बाद भी वह वापस लेने को तैयार नहीं है। मामले में काउंसलर शैल अवस्थी ने शुक्रवार को करीब चार घंटे महिला की काउंसलिंग की। इसके बावजूद महिला इस बात पर अड़ी है कि वह पति के खिलाफ लगाए केस वापस नहीं लेगी। इससे पति कम से कम उससे डरकर रहता है। कोर्ट द्वारा कराई गई काउंसिलिंग के बाद लगभग दो साल से पत्नी खुशी-खुशी पति के साथ रह रही है। पति सारी जिम्मेदारी भी निभा रहा है। इसके बावजूद हर बार जब भी प्रकरण के निराकरण किए जाने की बात आती है तो महिला पलट जाती है कि वह केस वापस नहीं लेगी। अभी हाल में पति ने बेटा-बेटी के भविष्य को लेकर केस का निपटारा करने के लिए पत्नी से गुहार लगाई, लेकिन पत्नी तब भी नहीं मानी। पति का कहना है कि बच्चे चाहते है कि कोर्ट कचहरी का चक्कर खत्म हो। इसकी वजह से बच्चे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी नहीं कर पा रहे है।

पति का स्वभाव बदल जाएगा

काउंसिलिंग के दौरान पत्नी ने कहा कि वह करीब 25 सालों से पति के स्वभाव को जानती है। जब भी पति झगड़ा करता है तब उसे कोर्ट में चल रहे प्रकरणों की धमकी देती हूं। इससे वह डर जाता है कि कहीं जेल न जाना पड़े। मुझे पता है केस वापस लेते ही पति का स्वभाव बदल जाएगा।

बच्चों के भविष्य पर असर पड़ रहा है

वहीं पति ने कहा कि वह कोर्ट में लिखकर देगा कि वह पत्नी को परेशान नहीं करेगा। उसने कहा कि उम्र भर यहीं मानता रहूंगा कि कोर्ट में केस चल रहा है। अब मुझसे सामाजिक प्रताड़ना और बच्चों की परेशानी नहीं सही जाती। इससे बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनका भविष्य इससे प्रभावित हो रहा है।

वर्जन

मामले में पत्नी को समझाया कि यदि समझौते के बाद मामला फिर बिगड़ता है तो वह दोबारा प्रकरण दर्ज करा सकती है। अभी केस को अनावश्यक लंबित करना सही नहीं है। पत्नी को समझाने के बाद पत्नी ने सोचने के लिए समय मांगा है।

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