बर्ड फ्लू के डर से लोग चिकन खाने से परहेज कर रहे हैं। इस कारण पोल्ट्री (मुर्गी पालन) कारोबार औंधे मुंह जमीन पर गिर पड़ा है। बीते दो दिन में जहां 30 से 50 रुपये प्रति किलो तक भाव कम हो गए तो खपत आधे से भी कम हो गई है। पहले रोज 10 टन तक चिकन की खपत शहर व आसपास के क्षेत्रों में होती है, पर अब पांच टन तक आ गई है। कारोबारी इसमें और भी गिरावट होने की बात कह रहे हैं। दरअसल, प्रदेश के कई जिलों में मुर्गा-मुर्गी की बिक्री पर रोक लगने के कारण यहां भी उसका असर देखने को मिल रहा है। हालांकि, एहतियातन पोल्ट्री संचालक सुरक्षा संबंधी सभी उपाय कर रहे हैं।
राजधानी समेत आसपास के जिलों में 400 से अधिक मुर्गीपालन केंद्र हैं। जहां से प्रतिदिन 10 टन तक चिकन की खपत हो जाती है, लेकिन पिछले दो दिन से कारोबार पर असर पड़ा है। चिकन सेंटर संचालक यासिन कुरैशी का कहना है कि 100 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से चिकन बेचने के बावजूद ग्राहक नहीं आ रहे हैं।
सस्ता भी कोई नहीं खरीद रहा
पोल्ट्री कारोबार से जुड़े फैजान अंसारी बताते हैं कि दो दिन में चिकन की बिक्री में खासा असर पड़ा है। भाव काफी घट गए हैं। बावजूद लोग खरीद नहीं रहे हैं। यदि ऐसा ही रहा तो दिक्कतें खड़ी होंगी, क्योंकि लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण की वजह से पहले ही कारोबार पर असर पड़ा है। राजधानी में आसपास के जिलों से ही चिकन लाया जाता है। बाहरी राज्यों से नहीं मंगवा रहे हैं।
नहीं मंगवाएंगे चिकन
कोलार में चिकन सेंटर के संचालक वसीम खान ने बताया कि वे रोज 200 किलो तक चिकन बेच देते हैं, लेकिन पिछले दो दिन से लोग चिकन खरीदने से परहेज कर रहे हैं। इसलिए शनिवार को चिकन नहीं मंगवाएंगे। आगामी कुछ दिनों तक वे चिकन नहीं बेचेंगे।