भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने कहा है कि जनसंख्या नीति का संबंध प्रत्येक नागरिक के जीवन में खुशहाली एवं समृद्धि लाने से है। पूरी दुनिया में बढ़ती जनसंख्या से विकास के प्रभावित होने की चर्चाएं चल रही हैं। जहां भी जनसंख्या नियंत्रित करने के प्रयास हुए हैं वहां विकास की गति बढ़ी है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सभी राजनीतिक दल, जाति, मजहब व संप्रदाय की राजनीति से आगे बढ़कर राष्ट्रहित तथा समाज हित में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने में मदद करें।
उन्होंने कहा है कि कानून बनाकर जनसंख्या नियंत्रित करने से देश की जनता को प्रदुषण, खराब सेहत, बेरोजगारी, अशिक्षा के साथ ही अन्य तमाम समस्याओं से निजात मिल सकेगा। विपक्ष को समझना होगा कि देश सर्वोपरि है, देश है तो राजनीतिक दल हैं और हम हैं। उन्होंने कहा है कि भारत में भौतिक संसाधन सीमित हैं और जनसंख्या असीमित है। आने वाले 10-12 साल में हमारी जनसंख्या 1.5 अरब को पार कर जाएगी। 1857 में भारत का क्षेत्रफल 83 लाख वर्ग किलोमीटर था। तब हमारी जनसंख्या 35 करोड़ थी। आज भारत का क्षेत्रफल 33 लाख वर्ग किलोमीटर है, और जनसंख्या 138 करोड़ पहुंच गई है। दुनिया की 18 प्रतिशत जनसंख्या भारत में निवास करती है। जबकि यहां जमीन 2.4 फीसदी, पीने का पानी चार फीसदी तथा वन क्षेत्र 2.4 फीसदी है। यह आंकड़ें चिंता पैदा करने वाले हैं।
जनसंख्या नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में लोगों के लिए आवास की दिक्कतें भी हो सकती हैं। अजेय और समृद्ध भारत की राहत में जनसंख्या वृद्धि बड़ी बाधा है। बढ़ती जनसंख्या की चुनौती पर चर्चा होती है लेकिन राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण ठोस कार्रवाई नहीं होती है। राजनेताओं का एक वर्ग इसे साम्प्रदायिक तूल देने लगता है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ी जनसंख्या वाला राज्य है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या नियत्रण नीति के लिए राजनैतिक साहस दिखाया है।