प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू में प्रदेश वासियों को राहत मिल सकती है। इसे लेकर आज निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव आरके तिवारी और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से स्थिति का आंकलन करने को कहा है।
कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ चुकी है। ऐसे में सरकारी कार्यालयों को खोलने के साथ-साथ बाजार खोलने को भी लेकर मंथन चल रहा है। सूत्रों की मानें तो ऐसे जिले जहां अन्य जिलों की अपेक्षा अधिक केस हैं वहां साप्ताहिक बंदी लागू की जाएगी।
बाकी स्थानों पर रात में कोरोना कर्फ्यू जारी रह सकता है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय रविवार को ही लिया जाएगा। दर असल एक माह के कोरोना कर्फ्यू से न सिर्फ प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है बल्कि बड़ी संख्या में लोगों के सामने रोजगार का संकट भी खड़ा हो गया है।
कोरोना के नए मामलों में भी तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए और बाजार खोलने को लेकर सरकार पर भी व्यापारियों का काफी दबाव है। ऐसे में कोरोना कर्फ्यू को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से राहत दी जा सकती है।
सिर्फ बाजारों तक सीमित है कोरोना कर्फ्यू
वैसे भी कोरोना कर्फ्यू केवल मुख्य बाजारों तक ही सीमित है। बाजारों में भी शटर के पीछे से सामान बिक रहे हैं। इसके लिए कुछ स्थानों पर पुलिस कर्मियों को सुविधा शुल्क देने की बात भी सामने आई है। मुख्य बाजार को छोड़कर गली मोहल्लों की दुकानें भी खुली हुई हैं। सड़कों पर भी अच्छा खास ट्रैफिक नजर आ रहा है।
जबकि प्रदेश सरकार ने केवल आवश्यक वस्तुओं के लिए आंशिक कोरोना कर्फ्यू से छूट दी हुई है। इस बाबत एक अधिकारी ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि इस कोरोना काल में लॉकडाउन जैसी सख्ती नहीं की जा रही है। उसकी वजह भी है। अगर वैसी सख्ती होगी तो एक बार फिर बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे जो प्रदेश सरकार के लिए चुनौती बन जाएंगे।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम बचा है, ऐसे में सरकार यह जोखिम कम से कम लेना चाहती है। हालांकि आंशिक कोरोना कर्फ्यू से भी बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं। पुरानी स्थिति को बहाल होने में समय लगेगा।