उत्तर प्रदेश की नदियों में शवों को बहाने से रोकने के लिए पुलिस तैनात कर दी गई है। खासतौर पर गंगा नदी के किनारे बसे जिलों में नदी में पुलिस, पीएसी व एसडीआरएफ के जरिए पेट्रोलिंग कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को टीम-9 की बैठक में निर्देश दिए हैं कि शवों को नदियों में प्रवाहित न करने के लिए धर्म गुरुओं को भी जागरुक किया जाए। उनसे जिलों के अधिकारी बात करें। शवों को जल में प्रवाहित करना या नदी के किनारे दफन करना पर्यावरण के अनुकूल नहीं है।
उधर, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि घाटों पर पुलिस पिकेट के जरिए निगरानी की जा रही है। उन्होंने जिलों से मिली रिपोर्ट के हवाले से बताया कि अब तक वाराणसी में 7, गाजीपुर में 16 और चंदौली व बलिया में 8-8 शव मिले हैं। इनका रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कराया गया है। उन्नाव में गंगा नदी में पुलिस पेट्रोलिंग की जा रही है। इसी तरह बलिया में भी गश्त की जा रही है।
गाजीपुर के 18 श्मशान घाटों पर पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी शिफ्टवार लगाई गई है। गाजीपुर के सैदपुर थाना क्षेत्र से गहमर थाना क्षेत्र तक पुलिस की 34 टीमों को पेट्रोलिंग कीड्यूटी के लिए लगाया गया है। इसी तरह वाराणसी, कानपुर, चंदौली और फतेहपुर में भी गंगा नदी में और किनारे लगातार पेट्रोलिंग कराई जा रही है।
कुमार ने बताया कि सोमवार शाम तक लगभग सभी 1789 थानों में कोविड हेल्पडेस्क की स्थापना की जा चुकी है। यहां पुलिस स्टाफ के साथ आम लोगों की भी जांच की जाती है।