पटना हाईकोर्ट ने कोरोना इलाज की तमाम जानकारी मुख्य सचिव को देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने शुक्रवार साढ़े दस बजे तक अस्पताल, मरीजों को भर्ती करने, दवा, ऑक्सीजन, टीका की पूरी जानकारी देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सूबे के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन, दवाओं की आपूर्ति, लिक्विड ऑक्सीजन ढोने वाले टैंकर और सूबे में लोगों को दिये जाने वाले टीके की पूरी जानकारी मांगी है।
कोर्ट ने पूछा है कि सूबे में कितने लोगों को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है और कितने लोगों को कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज दिया गया है। आगे कितने लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जानी है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की। मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने पक्ष रखा।
सरकार के वकील ने आग्रह किया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को रोज हलफनामा दायर करने से छूट दी जाये। इस बात पर कोर्ट ने कहा कि लोगों को क्या जबाब दिया जाये। इसके बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव को सारी बातों का जानकारी देने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि कोरोना से निपटने में तैनात कोई भी अधिकारी को वीडिर्यो ंलक से कोर्ट में पेश होने की जरूरत नहीं है। सभी अधिकारी अपने -अपने काम में लगे रहें। जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट में अद्यतन व सही आंकड़े पेश करें। कोर्ट ने राज्य सरकार सहित नगर निगम तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस्तेमाल किये गए पीपीई किट को किस प्रकार से नष्ट किया जा रहा है ताकि संक्रमण नहीं फैल सके। इस बात की भी जानकारी देने का निर्देश दिया।
क्राइसिस मैनेजमेंट टीम के कार्यों की जानकारी दें
हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के क्राइसिस मैनेजमेंट टीम और उनके कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया। इसके अलावा राज्य सरकार को राज्य में लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति में पर्याप्त टैंकर काम कर रहा है या नहीं और जितने भी टैंकर मौजूदा समय में कार्यरत हैं, उन सभी के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दोपहर बाद ढाई बजे तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।