अयोध्या जिले के दो निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को मिलेगा उपचार। दो चिकित्सालयों ने कोरोना के मरीजों के लिए 50 बेड आरक्षित किए हैं।
जिले में एक मात्र कोविड अस्पताल राजर्षि दशरथ मेडिकल कालेज है। वहां वैसे तो कोरोना मरीजों के उपचार के लिए 200 बेड हैं। किन्तु मेडिकल कालेज में 120 बेड तक ही आक्सीजन देने की सुविधा है। ऐसे में आए दिन बेड की कमी बनी रहती है। वैसे बेड की कमी की समस्या अकेले अयोध्या जनपद में ही नही है।
प्रदेश के सभी अस्पतालों मे यही हाल है। यहां तक बेड की कमी की समस्या राजधानी लखनऊ के अस्पतालों में भी है। इस समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के निजी अस्पतालों में भी कोरोना के मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि निजी अस्पतालों में भर्ती किए जाने वाले कोरोना मरीजों के इलाज का व्यय सरकार उठाएगी। फिर भी अभी अधिकांश निजी अस्पतालों ने अब तक इसके लिए सहमति नही दी है।
अयोध्या जनपद में जिला प्रशासन निजी अस्पतालों में 100 बेड आरक्षित करना चाहता है। जिसके लिए अस्पताल के प्रबंधकों व आईएमए के साथ डीएम की वार्ता चल रही है। इस बीच सोमवार को आईएमए के अध्यक्ष डॉ अफरोज खान के नेतृत्व में आईएमए के चार सदस्यों ने डीएम से मुलाकात की। उन्होनें डीएम को जानकारी दी कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 50 बेड की दो चिकित्सालयों चिरंजीव अस्पताल नाका चुंगी व जगत हास्पिटल राय बरेली रोड नाका ने स्वीकृति दे दी है।
डॉ. अफरोज ने बताया कि कोरोना मरीजों के लिए चिरंजीव अस्पताल में 40 बेड व जगत हास्पिटल में 10 बेड की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने अस्पताल की सुरक्षा व आक्सीजन की आपूर्ति की जिम्मेदारी ली है। डीएम से मुलाकात करने गए आईएमए के प्रतिनिधि मण्डल में डॉ अफरोज खान के साथ डॉ उमेश चौधरी, आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ एसएम द्विवेदी,डॉ अतुल वर्मा शामिल रहे।