कोरोना की बढ़ती रफ्तार से पुलिसवाले भी सहम गए हैं। खुद के साथ परिवार की चिंता सताने लगी है। अस्पतालों में जगह की मारामारी ने उन्हें भी बेचैन कर दिया है। हालात को देखते हुए पुलिस एसोसिएशन व पुलिस मेंस एसोसिएशन ने सरकार से कोविड अस्पतालों में पुलिसकर्मियों व उनके परिवार के लिए कुछ बेड सुरक्षित रखने की मांग की है।
परिवार से दूर रहने के चलते मुजफ्फरपुर जिला बल के सिपाही के साथ ऐसी ही घटना हो चुकी है। ड्यूटी पर होने के चलते सिपाही कौशल कुमार कोरोना से संक्रमित अपनी मां मुन्नी देवी को समय से बेहतर इलाज नहीं दिला पाए। लिहाजा रविवार की रात उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया। ऑक्सीजन समय पर उपलब्ध नहीं होने के चलते कौशल कुमार अपनी मां को नहीं बचा पाए।
पुलिस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह, महामंत्री कपिलेश्वर पासवान और पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र धीरज, महामंत्री रामविलाश पासवान व सहायक मंत्री बालाकांत शर्मा ने कहा कि पुलिस की ड्यूटी को देखते हुए उसे फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स माना गया है। पुलिस, कोरोना के लिहाज से अतिसंवेदनशील अस्पतालों, भीड़भाड़ वाले स्थानों के साथ विधि-व्यवस्था की ड्यूटी में दिन-रात सड़क पर मुस्तैद है। आमलोगों के साथ उसका सीधा संपर्क होता है। कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। कई पुलिसकर्मी भी इसकी चपेट में आए हैं। ऐसे में पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े इसके लिए जरूरी है कि अस्पतालों में कुछ बेड सुरक्षित रखा जाए।
कई पुलिसकर्मी हो चुके हैं संक्रमित
बिहार में तेजी से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। कटिहार, मुंगेर, भागलपुर, सुपौल, पटना समेत अन्य जिलों में कई पुलिस अधिकारी और जवान कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सीआईडी के दारोगा की मौत भी हो चुकी है। इस बीच रविवार को विशेष शाखा के इंस्पेक्टर जयदेव भगत और मोतिहारी जिला बल के दारोगा त्रिलोकी नाथ राय की अचानक मौत हो गई। पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि इनकी मौत किस वजह से हुई यह अभी स्पष्ट नहीं है। पर दो साथियों के अचानक निधन से हम मर्माहत हैं।
अधिकतर पुलिसकर्मी परिवार से दूर
फील्ड में तैनात अधिकांश पुलिसकर्मी परिवार से दूर रहते हैं। ऐसे में उन्हें परिवार र्की ंचता भी सताती रहती है। परिवार का कोई सदस्य संक्रमित होता है तो उनके लिए मुश्किल और भी बढ़ जाती है क्योंकि वह खुद घर पर मौजूद नहीं होते हैं। ऐसे में कोविड अस्पतालों में बेड सुरक्षित रहने से उन्हें सहूलियत होगी।