यूपी पंचायत चुनाव: बीजेपी ने देवरानी को दिया टिकट तो जेठानी भी उतरी मैदान में, बड़े भाई ने छोटे को घर से निकाला

यूपी पंचायत चुनाव में भाजपा के टिकट सूची जारी हाेते ही हाथरस जिले की सियासत का पारा एकाएक गर्म रहा। प्रदेश के कद्दावर नेता पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के परिवार की कलह खुलकर सामने आ गई। पहली बार रामवीर ने प्रेस कान्फ्रेंस बुलाकर अपने छोटे भाई मुकुल उपाध्याय पर गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने अपने भाई को दुत्कार तक बता दिया। एक घंटे तक चली इस कान्फ्रेंस में पहली बार रामवीर का गुस्सा देखा गया। जबकि मुकुल अपने भाई ने गुहार लगाते रहे। 

भाजपा ने पूर्व विधायक मुकुल उपाध्याय की पत्नी रितु उपाध्याय को वार्ड नंबर 14 से जिला पंचायत सदस्य के लिए मैदान में उतारा है। रितु का टिकट फाइनल होने के बाद शनिवार को पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने अपने आगरा रोड स्थित बामोली हाउस पर अपने तमाम समर्थकों को बुला लिया। रामवीर उपाध्याय ने अपने छोटे भाई मुकुल के बारे में अपने समर्थक और मीडिया को बताना शुरू किया। रामवीर ने कहा कि विनोद उपाध्याय, रामेश्वर उपाध्याय जिला पंचायत के चुनाव की तैयारियों में लगे थे। विनोद के कहने पर ही यह निर्णय लिया गया कि वार्ड नंबर 14 से कल्पना को चुनाव लड़ाया जाए। जबकि विनोद और सरोज उपाध्याय दोनों सादाबाद व सहपऊ के वार्ड से चुनाव लड़ रहे हैं। रामवीर ने कहा कि वह अपने बेटे और पत्नी को कहीं से चुनाव नहीं लड़ा रहे थे। लेकिन अब पानी सिर से ऊपर चला गया है। जिस भाई को मैंने पाला बड़ा किया और मुकाम तक पहुंचाया वहीं भाई ऐसा करेगा, कभी सपने में भी नहीं सोचा था। 

रामवीर ने कहा कि वर्ष 2004 में मुकुल को इगलास विधानसभा से विधायक बनाया, लेकिन वह कभी जनता के बीच नहीं रहा। चुनाव के दौरान खूब झगड़े हुए, लेकिन मुकुल को उन गांवों में नहीं जाने दिया जहां झगड़े होने की संभावना रहती है। रामवीर ने कहा कि वह खुद उन गांवों में चुनाव प्रचार के लिए जाते थे। मुकुल को बसपा सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा दिलवाया। बसपा का यूपी का कोऑर्डीनेटर बनवाया। एमएलसी का चुनाव लड़वाया। करोड़ों रुपये अपने पास से खर्च किए। मुकुल के चुनाव के लिए अपने बच्चों की एफडी, पत्नी के जेवरात तक बेचे थे। गाजियाबाद में लोगों से ब्याज पर पैसे लिए। उन पैसों को उन्होंने अपने पास से चुकाया। करीब तेरह सौ वोटों से एमएलसी का चुनाव जितवाया। फिर गाजियाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़वाया। जिन लोगों ने मुकुल ने पैसा उधार लिया था उन्हें ब्याज तक नहीं दी। उन्हें गाली देकर भगा दिया। आज भी लोगों का दो करोड़ रुपये उधार हैं। लेकिन हद उस वक्त हुई जब शिकारपुर से विनोद उपाध्याय के समधि अनिल शर्मा के सामने मुकुल चुनाव लड़ने के लिए पहुंच गए। उनसे पूरे परिवार से मना किया था कि उस घर में बेटी की ससुराल है। यह ठीक नहीं है, लेकिन मुकुल नहीं माने और वहां से बुरी हार हुई। रामवीर ने कहा कि मुकुल ने रानू और नौकरों के नंबरों पर फोन करके मुझे गालियां तक दी। नगर पालिका के चुनाव में जबरन रितु को लड़ाया। जबकि रामेश्वर हाथरस में रहता है। लोगों की सेवा करता है। उन्होंने कहा कि आशीष शर्मा से क्या दुश्मनी थी, लेकिन इसी मुकुल ने उससे दुश्मनी करा दी। उसे दुश्मन बना दिया। रामवीर उपाध्याय ने कहा कि हाथरस ही नहीं बल्कि प्रदेश में उन्होंने कभी किसी की एक इंच जमीन तक नहीं हड़पी है। किसी ने रिश्वत नहीं ली है। लेकिन मुकुल ने जमुनाबाग कांड करके उनकी पूरी राजनीति पर कलंक लगा दिया। उन्होंने कहा कि आगरा रोड का मकान उनकी पत्नी सीमा के नाम है। इसमें तीन पोर्सन तैयार किये थे, लेकिन मुकुल ने दूसरी मंजिल पर अपना ताला डाल रखा है। मुकुल से कई बार इसकी चाभी मांगी, लेकिन आज तक चाभी नहीं दी। रामवीर उपाध्याय ने कहा कि इसी मुकुल के चुनाव में गाजियाबाद, अलीगढ़ और लखनऊ की कोठी तक बिक गयी। आखिर में रामवीर ने ऐलान कर दिया कि वार्डनंबर 14 से सीमा उपाध्याय चुनाव लड़ेगी। इसलिए सभी लोग सीमा चुनाव को जिताएं। अध्यक्ष का पद उन्हीं के परिवार में रहेगा। अध्यक्ष कौन बनेगा। यह सदस्य का चुनाव जीतने के बाद तय होगा।

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