यूपी : हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की बड़े पैमाने पर हो रही थी डुप्लीकेसी, पकड़ी गई अवैध फैक्ट्री

मेरठ पुलिस ने शुक्रवार देर रात हाईसिक्योरिटी के नाम पर फर्जी नंबर प्लेट बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी है। पांच सौ से ज्यादा फर्जी नंबर प्लेट और मशीनें बरामद हुई हैं। पूरे शहर के दुकानदारों को इनकी सप्लाई थी। तीन आरोपी गिरफ्तार हैं।

सिविल लाइन थाना इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया, शुक्रवार रात मोहनपुरी में एक फैक्ट्री पर छापा मारा। यहां पर वाहनों की फर्जी हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट बन रही थीं। करीब 500 तैयार नंबर प्लेट, 50 अद्ध्रनिर्मित प्लेट, 300 से ज्यादा खाली प्लेट, हाईड्रोलिक मशीन, डाई, पेस्टिंग मशीन, होलोग्राम आदि बरामद हुए हैं। फैक्ट्री मालिक तनुज अग्रवाल निवासी सम्राट पैलेस व श्रीराम निवासी मोहनपुरी गिरफ्तार हैं। उधर, सदर बाजार थाना पुलिस ने थापरनगर गुरुद्वारे के पास फर्जी ढंग से हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट बेचने में संदीप को गिरफ्तार किया है। 12 नंबर प्लेट बरामद हुई हैं। उसके साथी वसीम की तलाश जारी है।

दिल्ली से सामान लाकर मेरठ में अवैध तरीके से फर्जी हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाई जा रही थीं। असली-नकली प्लेट में सिर्फ एक बार कोड का अंतर था। बार कोड न होने से नकली नंबर प्लेट स्कैन नहीं हो पाती। वह सिर्फ देखने भर के लिए हाईसिक्योरिटी प्लेट थी। सिविल लाइन थाने के इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया कि फैक्ट्री मालिक तनुज अग्रवाल है। वह सम्राट पैलेस होटल के नजदीक रहता है।

पूछताछ में तनुज ने बताया कि वह दिल्ली से खाली प्लेट खरीदता था। फैक्ट्री में विभिन्न नंबरों की डाई मिली हैं। खाली प्लेट पर ये डाई रखी जाती थी। हाईड्रोलिक मशीन से प्लेट दबाई जाती थी। इस तरह डाई के नंबर उस प्लेट पर छप जाते थे। प्रत्येक नंबर के ऊपर इंडिया लिखा होता है। इंडिया छपे रैपर भी दिल्ली से आते थे। इन्हें पेस्टिंग मशीन के जरिये नंबरों के ऊपर चिपकाया जाता था। होलोग्राम भी नकली था। होलोग्राम के नीचे इंडिया और उसके नीचे बेहद सूक्ष्म बारकोड छपा होता है। इस नकली प्लेट में सिर्फ बारकोड नहीं था, बाकी सबकुछ दिखने में असली जैसा था। बारकोड के बारे में ज्यादातर ग्राहकों को पता नहीं होता। 

पूरे शहर में थी सप्लाई
इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में पूरे शहर में फर्जी हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट सप्लाई करने की बात कुबूली है। वह एसेसरीज और नंबर प्लेट बनाने वाले दुकानदारों को महज 300 रुपये में यह प्लेट मुहैया कराता था। दुकानदार उसे 500-600 रुपये में बेच देते थे। लोगों को ऑनलाइन बुकिंग नहीं करानी पड़ती थी। इसलिए वह नक्कालों के झांसे में आ रहे थे।

सदर में भी हुई कार्रवाई
सिविल लाइन थाना क्षेत्र में फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद सदर बाजार थाना क्षेत्र में थापरनगर स्थित संदीप की दुकान का पता सामने आया, जहां ये नंबर प्लेट बिकती थीं। पुलिस ने इस दुकान पर भी छापा मारा। संदीप को गिरफ्तार कर लिया। उसका साथी वसीम फरार है। दुकान से 12 फर्जी प्लेट मिली हैं।

प्लेट बनाने को चार कंपनियां अधिकृत
सदर बाजार थाना प्रभारी दिनेश चंद्र ने बताया कि पूरे मामले में परिवहन अधिकारियों से बात हुई है। उन्होंने बताया कि हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने के लिए चार कंपनियां अधिकृत हैं। वह सीधे प्लेट की होम डिलीवरी करती हैं या फिर ऑटोमोबाइल शोरूम तक पहुंचाती हैं। इसके अलावा किसी दुकान से यह प्लेट नहीं मिल सकती।

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