नई दिल्ली । तीन नए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर चल रहा किसान आंदोलन आज 27वें दिन में प्रवेश कर गया है। किसान संगठनों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल रखा है। दिल्ली-मेरण एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे क्रमांक-9 पर किसानों ने कब्जा करके रखा है। इस मार्ग पर दिल्ली के लिए आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है। इस बीच सरकार द्वारा फिर से बातचीत के लिए दिए गए प्रस्ताव पर किसान संगठन आज बैठक करेंगे। इस बैठक में पंजाब के किसान संगठनों के साथ राष्ट्रीय किसान संगठनों के नेता भी शामिल होंगे। बैठक में मुख्य रूप से इस बात पर चर्चा की जाएगी कि आंदोलन कर रहे किसान संगठनों को केंद्र सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए बातचीत करना चाहिए या नहीं।
गौरतलब है कि रविवार रात को केंद्र सरकार की ओर से किसान संगठनों के बातचीत के लिए पत्र भेजा गया था। वहीं कुछ किसान नेताओं का कहना है कि सरकार द्वारा भेजे गए पांच पेज के प्रस्ताव में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि किन मुद्दों पर बातचीत करनी है। सरकार फिर से पुराने वाले प्रस्ताव पर ही चर्चा करना चाहती है, जबकि किसान संगठन चाहते हैं कि केंद्र सरकार कानून रद्द करने और एमएसपी पर नया कानून लाने के संबंध में भी चर्चा करे।
इधर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले लेती है किसान संगठन पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने आशा जताई है कि सभी मुद्दे सुलझाने में एक माह का समय लग सकता है। सरकार खुद हमारे पास आएगी। गौरतलब है कि नए कृषि कानून के विरोध में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तरप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के सैकड़ों किसान संगठन लगातार धरना देकर केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं। साथ ही केंद्र सरकार के साथ कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं किया। केंद्र सरकार कानून में संशोधन करने के लिए तैयार है लेकिन किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने पर अड़े हुए हैं।