शहीद अवधेश यादव ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी। पुलवामा में आतंकी हमले का आज एक साल पूरा हो जाएगा। शहीद का परिवार आज भी शासन-प्रशासन के वादाखिलाफी से काफी दु:खी है। शहादत के वक्त किये गए वादे एक साल बाद भी पूरे नहीं किये गए हैं। शहीद की पत्नी शिल्पी यादव को नौकरी देने के अलावा अन्य वादों को पूरा होने का इंतजार है।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा के पास 14 फरवरी 2019 को आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसमें बहादुरपुर के वीर जवान अवधेश यादव भी शामिल थे। अवधेश यादव सीआरपीएफ के 45वीं बटालियन मे हवलदार आरो के पद पर कार्यरत थे। शहीद की शहादत पर जनमानस के अलावा प्रशासनिक अमला, मंत्री व जनप्रतिधि तक पहुंचे थे। उस वक्त शहीद परिवार से कई वादे किए गए। लेकिन एक साल बाद भी मंत्री व जनप्रतिनिधि वादे को पूरा करना तो दूर कुशलक्षेम तक पूछने नहीं आए। शहीद की शहादत को भूला देने पर परिवार के साथ ही बहादुरपुर गांव के ग्रामीण भी काफी खिन्न है।
शहीद अवधेश यादव की शहादत के बाद सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों के अलावा मंत्रियों का भी कई बार दौरा हुआ। उस वक्त शहीद की पत्नी शिल्पी यादव और भाई बृजेश यादव को सरकारी नौकरी, शहीद के नाम पड़ाव चौराहे का नाम, शहीद के नाम पर चौराहे से लेकर बहादुरपुर गांव तक पक्की सड़क, मिनी स्टेडियम, राजकीय इंटर कॉलेज व गांव में मुख्यद्वार का निर्माण जैसे वादे किए गए। शासन-प्रशासन की ओर से एकमात्र शहीद की पत्नी शिल्पी यादव को सरकारी नौकरी दी गई।
परिवार को पीएम से मिलने की उम्मीद
शहीद अवधेश यादव के पिता हरिकेश यादव ने कहा कि शासन-प्रशासन की उपेक्षा में मन व आत्मा दु:खी है। नेताओं ने उनके बेटे अवधेश की कुर्बानी को भूला दिया। आज तक कोई वादा पूरा ही नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जब वादे पूरा करने ही नहीं थे, तो आश्वासन नहीं देना चाहिए थे। शहीद की पत्नी शिल्पी यादव ने कहा कि पुलवामा घटना के अन्य शहीद जवानों के परिवार सेकिए गए कई वादे पूरे किए गए हैं। शहीद के छोटे भाई बृजेश यादव ने कहा कि आज तक न तो मिनी स्टेडियम, प्रतिमा, मार्ग, राजकीय कॉलेज का निर्माण नहीं किया गया। शहीद के परिवार ने आगामी 16 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर गुहार लगाई की इच्छा जतायी है।
कैंडल मार्च निकाल पुलवामा के शहीदों को दी श्रद्धाजंलि
परिवर्तन सेवा समिति की ओर से गुरुवार की शाम पीडीडीयू नगर में कैंडल मार्च निकालकर पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कैंडल मार्च आर्य समाज मंदिर से निकल कर जीटी रोड़ से वीआई गेट से होते हुए पुन: कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। समिति के अध्यक्ष चंद्रेश्वर जायसवाल ने कहा कि शहीदों के बलिदानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। देश के जांबाज शहीदों ने हमे एक बात सीखा दिया कि जब भी देश के आन बान पर शान आए, तो अपनी जान देने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए। कहा कि हम सब भारतवासी है, और हम भारत मां को दूखी नहीं देख सकते। भारत माता के प्रति प्रेम एवं लगाव सबके हृदय में होना चाहिए। अवसर मिलने पर भारत माता के लिए शहादत होने के लिए भी तैयार रहना होगा। इस मौके पर सचिव प्रभाकर सिंह, शादाब आलम, सुरेश यादव, वीके राय, लाल बहादुर, एस फाज़िल, नागेश्वर कुमार, देव जायसवाल, प्रदीप पटेल, हर्षित शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।