नई दिल्ली: नोएडा में बिल्डरों के काम ठप होने से परेशान घर खरीदारों के बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जहां भी लोगों ने डेवलपर्स से फ्लैट खरीदे हैं, उन्हें उनका फ्लैट मिलना चाहिए. जेटली ने कहा कि ऐसे लोगों के साथ सरकार की पूरी सहानुभूति है. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे खरीदार दिवाला कानून के तहत राहत के लिए अपील भी कर सकते हैं. बता दें कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की इलाहाबाद पीठ ने पिछले हफ्ते जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ लोन डिफॉल्ट मामले में आईडीबीआई बैंक की याचिका कार्यवाही के लिए दाखिल कर ली.
इससे फ्लैट बुक कराने वाले सैकड़ों लोगों के सामने संकट की स्थिति पैदा हो गई है. कर्ज के बोझ से दबे जेपी समूह की कंपनी जेपी इंफ्राटेक ने आईडीबीआई के 526.11 करोड़ रुपये का लोन चुकाने में चूक की है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जेटली ने नोएडा के घर के खरीदारों के समक्ष आ रही दिक्कतों पर पूछे गए सवाल पर कहा, ‘जो परेशान हैं वे इस कानून के तहत राहत के लिए जा सकते हैं. यदि इस तरह का कोई कदम होता है, तो सरकार की पूरी सहानुभूति उन लोगों के साथ होगी जिन्होंने फ्लैट बुक कराने के लिए पैसा दिया है.’
आपको बता दें कि जेपी बिल्डर्स के दीवालिया घोषित ने बाद से ही फ्लैट खरीदार कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच जेपी के बाद अब दूसरे बड़े बिल्डर आम्रपाली ग्रुप के भी दीवालिया होने की आशंका है। ऐसे में लोगो आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे हैं। जेपी और आम्रपाली को मिलाकर करीब 50 हजार लोगों के फ्लैट फंसे हुए हैं। इन लोगों ने करीब 7-8 साल पहले फ्लैट की बुकिंग कराई थी, लेकिन बिल्डर्स ने अब तक उन्हें फ्लैट नहीं दिए हैं।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक जेपी इंफ्रा, आम्रपाली में फ्लैट बुक कराने वालों को राहत संभव है। सरकार ग्राहकों को राहत देने के विकल्प पर विचार कर रही है। अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरा करने के लिए एसेट बेचे जा सकते हैं। सरकारी एजेंसियों के जरिए भी प्रोजेक्ट पूरा कराने पर विचार किया जा रहा है। इस मुद्दे पर सरकार कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय के साथ चर्चा कर सकती है। माना जा रहा है कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकिंग कोड के नियमों के तहत एसेट बिक्री के लिए रास्ता निकाला जा सकता है।