अशोक कुमार गुप्ता, लखनऊ : दरअसल, अखिलेश यादव खुद विधान परिषद के सदस्य हैं. ऐसे में कोई विधानसभा का सदस्य ही नेता प्रतिपक्ष को संभाल सकता है. अब सवाल यह उठता है कि अखिलेश अपने किस भरोसेमंद को यह जिम्मेदारी सौंपेगे. सूत्रों की माने तो अखिलेश के सबसे भरोसेमंद चुनाव जितने वालो में रामगोविंद चौधरी ही है जो पूर्वांचल में अच्छी पकड़ रखते है इन्हें अखिलेश यादव नेता विपक्ष बना सकते है . रामगोविंद चौधरी एक सधे राजनेता है और सर्वमान्य है साथ ही लम्बा राजनितिक अनुभव इन्हें मजबूत बनता है .
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के जनादेश के बाद हम सबको अनुशासित और शांतिपूर्ण तरीके से होली मनानी चाहिए. समाजवादी साथियों को अब नई ऊर्जा के साथ संगठन के काम में जुटना होगा.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रचंड बहुमत मिला. पार्टी ने 403 सीटों में से 312 सीटों पर जीत हासिल की.
सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी हाशिये पर आ गई. राज्य निर्वाचन आयोग के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा 312 सीटों पर जीती. बसपा को 19, सपा को 47 सीटें और कांग्रेस को महज 7 सीटों पर जीत मिली.
भाजपा के सहयोगी दल भारतीय समाज पार्टी (भासपा) 4 सीटों पर और अपना दल (सोनेलाल) को 9 सीटों पर जीत मिली है. अजित सिंह के राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को मात्र एक सीट मिली. तीन निर्दलीय उम्मीदवार जीते, जबकि निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के खाते में भी एक सीट गई.