अपने लोकगीत रचना से समाज में बेटियों को बचाने की पहल

IMG_20170223_125049लखनऊ । आज का  युवा पाप संगीत में अपनी संस्कृति विरासत भूल रहे है उस दौर में देश की संस्कृति को जिन्दा रखने के लिए विकास नगर की रहने वाली  डा सुषमा गुप्ता कई लोकगीत आधारित पुस्तक लिखकर बहुत कम कीमत में घर -घर में पहुचाने का काम कर रही है जिसे युवा के साथ-साथ हर उम्र की परुष और महिलाएं पसन्द कर रहे है । अभी तक इनकी तीन पुस्तक प्रकाशित हो चुकि है ।

 

विकास नगर डा सुषमा गुप्ता के पत्ति स्वास्थ्य विभाग में उपनिदेशक के पद पर कार्यरत थे । अब वे इस दुनिया में नही है । पेंशन से जिन्दगी का गुजारा अच्छा से चल जाता है उसके बावजूद अपने भारतीय संस्कृति को सजोने के लिए जो दुर्लभ लोक गीत  जो विलुप्त होने के कागार पर है उसे नए रूप में ढालकर लोक संग्रह बाजार में उपलब्ध है । साई भजन भी  लिखकर प्रकाशित कर चुकि है । शादी व्याह में गाए जाने वाली दुर्लभ गीत भी लिखकर घर घर में पहुचाने का काम किया । इनका मकसद है कि सदियों से चला आ रहा हमारी घरोहर लोकगीत को बचाना है । उन्होंने कहा कि मैं जल्द ही बेटियों के ऊपर व्यंग काव्य लिख रही हूँ । जो जल्द प्रकाशित हो जाएगा ।

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